रिहाई के बाद आनंद मोहन सिंह पहली बार जनता को किया संबोधित, कहा- मैं दोषी हूं तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं
By मनाली रस्तोगी | Published: May 12, 2023 10:15 AM2023-05-12T10:15:26+5:302023-05-12T10:19:31+5:30
गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह ने गुरुवार को संविधान में अपनी आस्था व्यक्त की और कहा कि अगर सरकार उन्हें दोषी मानती है तो वह फांसी या गोली मारने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली: गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह ने गुरुवार को संविधान में अपनी आस्था व्यक्त की और कहा कि अगर सरकार उन्हें दोषी मानती है तो वह फांसी या गोली मारने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सिंह ने बिहार सरकार द्वारा 27 अप्रैल को सहरसा जेल से रिहा किए जाने के बाद पहली बार जनता को संबोधित किया।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आनंद मोहन ने दावा किया कि उन्होंने बिना किसी शिकायत के 15 साल से अधिक की जेल की सजा काट ली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मारे गए आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की विधवा उमा कृष्णैया राजनीतिक चालबाज़ियों का शिकार हो रही हैं। गौरतलब है कि उमा कृष्णय्या ने सिंह को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
आनंद मोहन ने कहा, "यह देश किसी की जागीर नहीं है। सबने इसे लहू से सींचा है। मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं और बिना किसी शिकायत के 15 साल से ज्यादा जेल की सजा काट चुका हूं...अगर सरकार को लगता है कि मैं दोषी हूं तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।" उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी लवली सिंह ने आईएएस अधिकारी की हत्या की सीबीआई जांच का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, "जब मेरी पत्नी सांसद थीं, तो उनसे जी कृष्णैया मौत मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी। उसने कहा था कि अगर उसका पति दोषी है तो उसे फांसी पर लटका दो।"
उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ अपने करीबी संबंधों का भी हवाला दिया और आलोचना के खिलाफ खुद का बचाव किया और अपने आलोचकों से इन नेताओं से संपर्क करने और उनके स्वभाव के बारे में पूछने का आग्रह किया।
#WATCH | Bihar: "This country is nobody’s property. Everybody has irrigated it with blood. I believe in law & Constitution and served a jail term of more than 15 years without any complaint... I am ready to get hanged if the govt believes that I am guilty," says Former MP Anand… pic.twitter.com/KGtQ4algSx
— ANI (@ANI) May 12, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार सरकार और पूर्व सांसद को नोटिस जारी कर आनंद मोहन की जेल से समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली उमा कृष्णैया की याचिका पर जवाब मांगा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जेके माहेश्वरी की एक एससी बेंच ने बिहार सरकार से बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े सभी रिकॉर्ड मांगे हैं। अदालत ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन को भी अनुमति दी लेकिन शीर्ष अदालत को सहायता प्रदान करने की सीमा तक। शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।