अमृतसर ट्रेन हादसा: रेलवे बोर्ड नहीं कराएगा घटना की जाँच, कहा- ये कोई ‘रेल दुर्घटना’ नहीं, लोग अनधिकृत रूप से पटरी पर बैठे थे
By भाषा | Published: October 20, 2018 08:25 PM2018-10-20T20:25:14+5:302018-10-20T20:25:14+5:30
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा, ‘‘आयोग रेल दुर्घटनाओं की जांच करता है। यह एक ऐसा हादसा था जिसमें लोगों ने रेल पटरी पर अनधिकृत प्रवेश किया और यह कोई दुर्घटना नहीं है।’’
नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) अमृतसर हादसे की जांच नहीं करेंगे जिसमें शुक्रवार को दशहरा मेला देखने आये 59 लोग एक ट्रेन से कुचल गए थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि यह कोई ‘‘रेल दुर्घटना’’ नहीं बल्कि रेल पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश का एक मामला है।
रेल संरक्षा आयोग नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है और सभी रेल दुर्घटनाओं की अनिवार्य जांच करता है जिसमें फाटक रहित रेल समपार पर होने वाली दुर्घटनाएं, ट्रेन के पटरी से उतरने और पुल गिरने के बाद होने वाली दुर्घटनाएं शामिल हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा, ‘‘आयोग रेल दुर्घटनाओं की जांच करता है। यह एक ऐसा हादसा था जिसमें लोगों ने रेल पटरी पर अनधिकृत प्रवेश किया और यह कोई दुर्घटना नहीं है।’’
रेलवे ने कहा है कि यह कोई उसकी गलती नहीं थी क्योंकि उसे दशहरा कार्यक्रम के बारे में कोई सूचना नहीं थी।
सीएम अमरिंदर सिंह ने जताया शोक
अमृतसर ट्रेन हादसे पर सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दुख जताया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा हादसा है। मेरी संवेदनाएं परिवार पीड़ित परिवार वालों के साथ है। पूरे देश की सहानुभूति पीड़ितों के साथ है। अमरिंदर सिंह ने मीडिया को यह भी बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही राज्य सरकार अलग से हादसे की जांच करेगी। जिसकी रिपोर्ट चार हफ्ते में सौंपी जाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों के पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि सारे शवों की पहचान हो चुकी है।
पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार शाम रावण दहन का नजारा देख रहे सैकड़ों लोग रेलगाड़ी की चपेट में आ गए थे। तमाम आलाधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और शुरुआती जांच की जा चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतसर के नजदीक जोड़ा फाटक के पास लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। पटाखों की तेज आवाज के बीच अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुई हावड़ा और जालंधर से अमृतसर को आ रही डीएमयू रेलगाड़ियां आ गई। जब तक लोगों को कुछ समझ आता, चंद सेकंड में ही हर तरफ खून ही खून फैल गया।