अमृतपाल सिंह मानव बम बनाने के लिए गुरुद्वारों के नशामुक्ति केंद्र में भर्ती युवाओं का ब्रेनवॉश करता था: खुफिया रिपोर्ट

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 20, 2023 08:03 AM2023-03-20T08:03:10+5:302023-03-20T08:18:02+5:30

अमृतपाल सिंह आईएसआई के इशारे पर पंजाब के बेरोजगार और नशे में भटके हुए युवाओं की ऐसी फौज खड़ी करने की मंशा रखता था, जैसा की 80 के दशक में जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने किया था।

Amritpal Singh used to brainwash the youth admitted in de-addiction centers of Gurudwaras to make human bombs | अमृतपाल सिंह मानव बम बनाने के लिए गुरुद्वारों के नशामुक्ति केंद्र में भर्ती युवाओं का ब्रेनवॉश करता था: खुफिया रिपोर्ट

फाइल फोटो

Highlightsअमृतपाल गुरुद्वारों और नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल हथियारों को जमा करने के लिए करता थाअमृतपाल सिंह "खडकू" या मानव बम बनने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा थाअमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फ्रंट बनाकर पंजाब को आतंक की आग में झोंकना चाहता था

चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का इरादा पंजाब को एक बार फिर उसी हिंसा की आग की में झोंकने था, आतंक की जैसी आग 80 के दशक में जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने फैलाई थी। जी हां, खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का मोहरा बना हुआ अमृतपाल सिंह बेहद खतरनाक इरादों के साथ दुबई से पंजाब आया था।

भारतीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ तैयार की गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि अमृतपाल सिंह पंजाब के युवाओं को एक बार फिर दहशतगर्दी की आग में झोंकना चाहता था लेकिन उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उसकी कमर तोड़ने का फैसला कर लिया।

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो पंजाब में आतंकवाद और खालिस्तान की मांग को एक फिर जिंदा करने की फिराक में लगा हुआ अमृतपाल सिंह आईएसआई के इशारे पर बेरोजगार और भटके हुए की ऐसी फौज खड़ी करने की मंशा रखता था, जैसा की लगभग-लगभग जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने किया था।

इस संबंध में सुरक्षा अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अमृतपाल गुरुद्वारों और नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल हथियारों को जमा करने और युवाओं के आत्मघाती दस्तों को तैयार करने के लिए कर रहा था।

अमृतपाल सिंह के खिलाफ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ तैयार किए गए डोजियर में दावा किया गया है कि अमृतपाल सिंह लगभग एक दशक दुबई में रहने के बाद पिछले साल पंजाब वापस आया और यहां पर उसका मकसद मुख्य तौर पर पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के इशारे पर काम करना था।

इस पूरे मसले में सबसे गंभीर बात यह है कि अमृतपाल सिंह का सबसे खतरनाक इरादा मुख्य रूप से "खडकू" या मानव बम बनने के लिए भटके और बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश करना था। लेकिन पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने उसके इरादे पहले ही भांप लिये और उसके खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया।

पंजाब पुलिस ने बीते शनिवार और रविवार को केंद्रीय खुफिया एजेंसी की मदद से बड़े पैमाने पर अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए उसके नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे' संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे घटनाक्रम में अमृतपाल सिंह बेहद नाटकीय अंदाज में पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरार हो गया लेकिन उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब भी बेहद शिद्दत के साथ लगी हुई है।

पंजाब में स्थिति पर बेहद करीब से नजर रखने वाले सुरक्षा विशेषज्ञों और अधिकारियों की मानें तो मौजूदा हालात में पाकिस्तान अपने बेहद खराब आर्थिक दौर से गुजर रहा है और भारत के खिलाफ उसके सारे ऑपरेशन फेल हो चुके हैं। इस कारण से पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई अमृतपाल सिंह जैसे कठपुतलियों के बहाने भारत में आतंकवाद फैलाकर अपनी देश की बदहाली से अपने देश की जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है।

अमृतपाल सिंह के खिलाफ अब तक कि जांच में एक बात स्पष्ट हो गई है कि वे कथित तौर पर आनंदपुर खालसा फ्रंट (एकेएफ) बनाकर पंजाब में आतंकवाद को नये सिरे से जन्म देने के काम में लगा हुआ था। पुलिस की दो दिनों से चल रही छापेमारी में अमृतपाल सिंह के कई संदिग्ध ठिकानों से हथियार और गोला-बारूद जब्ती इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उसके इरादे पंजाब की अमन और शांति के लिए बेहद खतरनाक थे।

पुलिस अधिकारियों की माने तो अमृतपाल सिंह के ठिकानों पर की गई छापेमारी में उन्हें एकेएफ की वर्दी और जैकेट मिले हैं। इतना ही नहीं अमृतपाल सिंह की कार से जब्त किये गये हथियारों और गोला-बारूद पर भी एकेएफ का निशान छपा था। पुलिस का स्पष्ट कहना है कि अमृतपाल सिंह का संगठन 'वारिस पंजाब दे' अमृतसर के एक गुरुद्वारे द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्रों में अवैध रूप से हथियार जमा कर रहा था।

इतना ही नहीं नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती होने वाले युवकों को भी अमृतपाल सिंह का संगठन बहला-फुसलाकर 'बंदूक संस्कृति' की ओर धकेल रहा था। अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को आतंकवादी दिलावर सिंह का रास्ता चुनने के लिए अमृतपाल सिंह उनका ब्रेनवॉश कर रहा था, जिसने मानव बम के रूप में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी।

Web Title: Amritpal Singh used to brainwash the youth admitted in de-addiction centers of Gurudwaras to make human bombs

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