Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू, 10 लाख करेंगे शिरकत, 43 दिन, 30 जून से 11 अगस्त तक, कैसे कर सकते हैं ऑनलाइन

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 11, 2022 04:28 PM2022-04-11T16:28:29+5:302022-04-11T16:30:27+5:30

Amarnath Yatra 2022: देश भर में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), जेके बैंक और यस बैंक की 566 शाखाओं में अग्रिम यात्री पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है।

Amarnath Yatra 2022 Registration begins 10 lakh will attend 43 days 30 june to 11 aug 35 dog squads security Online Check how register, dates, timings details | Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू, 10 लाख करेंगे शिरकत, 43 दिन, 30 जून से 11 अगस्त तक, कैसे कर सकते हैं ऑनलाइन

श्रद्धालु अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर भी पंजीकरण करवा सकते हैं जिसे आज से शुरू कर दिया गया है।

Highlightsदस शाखाओं में अग्रिम पंजीकरण की सुविधा श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध करवाई गई है।अमरनाथ यात्रा इस बार 43 दिन की यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त तक चलेगी।यात्रा के लिए लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।

Amarnath Yatra 2022: इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आज से देशभर में पंजीकरण आरंभ हो गया है। अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर भी आनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। दो सालों तक कोरोना के कारण स्थगित रहने के बाद इस साल बोर्ड को उम्मीद है यात्रा में 10 लाख के करीब श्रद्धालु शामिल होंगे।

देश भर में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), जेके बैंक और यस बैंक की 566 शाखाओं में अग्रिम यात्री पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। जम्मू कश्मीर में पीएनबी की छह शाखाओं और जम्मू कश्मीर बैंक की दस शाखाओं में अग्रिम पंजीकरण की सुविधा श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध करवाई गई है।

कोरोना की वजह से बीते दो साल बंद रही अमरनाथ यात्रा इस बार 43 दिन की यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में यात्रा के लिए लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार यात्रा के श्रद्धालु अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर भी पंजीकरण करवा सकते हैं जिसे आज से शुरू कर दिया गया है।

कैसे पंजीकरण करेंः

स्टेप 1- श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

स्टेप 2- अब व्हाट्स न्यू सेक्शन में जाएं और फिर "क्लिक हियर टू रजिस्टर ऑनलाइन" विकल्प पर क्लिक करें।

चरण 3- इसे एक नए पृष्ठ पर निर्देशित किया जाएगा।

चरण 4- अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए पंजीकरण के सीधे लिंक पर क्लिक करें।

चरण 5- अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए अपनी प्रविष्टि दर्ज करें।

पांच से ज्यादा, लेकिन पचास से कम आयु के व्यक्ति समूह पंजीकरण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। यह यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों से होगी। रोजाना 10 हजार श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए भेजा जाएगा। वहीं हेलिकॉप्टर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अलग होगी। श्राइन बोर्ड ने इस बार बालटाल से दोमेल तक 2.75 किलोमीटर यात्रा में निशुल्क बैटरी कार सेवा उपलब्ध कराने की बात कही है।

अमरनाथ यात्रा के लिए 13 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु के लोगों को यात्रा पर जाने से मनाही है। छह माह से अधिक गर्भवती महिलाएं भी यात्रा में भाग नहीं ले पाएंगी। इसके अलावा जन श्रद्धालुओं ने 2021 की यात्रा के लिए पंजीकरण करवाया था और उन्होंने अपनी फीस वापस नहीं ली थी, वे सभी उसी संबंधित बैंक की शाखा में जाकर नया आवेदन फार्म भर सकेंगे।

उन्हें अपनी पुरानी मूल यात्रा पर्ची जमा करनी होगा। इसके बदले वह आवेदन फार्म भर सकेंगे। साथ में उन्हें आवश्यक प्रमाण पत्र लगाना होगा। पिछले वर्ष को फीस को इस बार की यात्रा में समायोजित कर दिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा के लिए समूह पंजीकरण की सुविधा का लाभ भी श्रद्धालु उठा सकते हैं।

समूह पंजीकरण भी अन्य पंजीकरण की प्रक्रिया के साथ 11 अप्रैल से शुरू होगी। पांच या पांच से अधिक श्रद्धालुओं को रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड से संपर्क करना होगा। इसके लिए आवेदन करते समय समूह के प्रमुख व्यक्ति को आवश्यक दस्तावेज भेजने होंगे।

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का सबसे अधिक भार केरिपुब के कंधों पर

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर विघटनकारियों और विस्फोटकों का पता लगाने के लिए 35 श्वान दस्तों में से 27 को पहलगाम से पवित्र गुफा तक तैनात किया जाएगा, जबकि आठ बालटाल से पवित्र गुफा तक तैनात रहेंगे। यह श्वान दस्ते यात्रा मार्ग में स्थित आधार शिविरों की सुरक्षा में भी मदद करेंगे।

 

अधिकारियों ने बताया कि राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की आठ माउंटेन रेस्क्यू टीमें यात्रा मार्ग पर सबसे दुर्गम और कठिन रास्तों पर महिला श्रद्धालुओं और बीमार श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराने में मदद करेंगी। इसके अलावा एनडीआरएफ की चार रेस्क्यू व सर्च टीमें अतिरिक्त तौर पर पहलगाम, बालटाल, पंचतरणी और शेषनाग में मौजूद रहेंगी।

यात्रा प्रबंधों में जुटे राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहलगाम और बालटाल से जाने वाले दोनों रास्तों पर चिन्हित स्थानों पर तैनात किए जा रहे बचाव दलों में माउंटेन रेस्क्यू एंड सर्च टीमें भी शामिल हैं। प्रत्येक बचाव दल में शामिल सदस्य आपदा प्रबंधन व राहत कार्याे में पूरी तरह से प्रशिक्षित है।

ये सभी आवश्यक साजो सामान से लैस रहेंगे। इन्हें बचाव कार्याे के लिए आवश्यक अत्याधुनिक सेंसर, आक्सीजन सिलेंडर, अत्याधुनिक जीपीएस व संचार उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बचाव दलों में राज्य सशस्त्र पुलिसबल, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की 20 के करीब टीमें शामिल होंगी।

इनके अलावा 12 एवालांच रेस्क्यू टीमें होंगी। इनमें से 11 टीमें एसडीआरएफ और एक सीआरपीएफ की टीम होगी। यात्रा मार्ग पर किसी भी प्राकृतिक आपदा से पैदा आपात स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न स्थानों पर 30 बचाव दल मौजूद रहेंगे। इसके अलावा खोजी कुत्तों के 35 दस्ते भी यात्रा मार्ग पर विस्फोटकों और आपदा स्थिति में लापता लोगों का पता लगाने के लिए तैनात रहेंगे।

इन टीमों की तैनाती का काम 15 जून से शुरू हो जाएगा। ये सभी टीमें लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगी, ताकि मुश्किल घड़ी में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जा सके। हालांकि अधिकारी यात्रा की सुरक्षा को लेकर इसलिए चिंतित हैं क्योंकि एक तो पिछले 3-4 सालों से यात्रा घटनारहित चल रही है जो आईएसआई की आंख की किरकिरी बन चुकी है तो दूसरा यह चर्चा आम है कि पाकिस्तान के बदलते हालात के बीच आतंकी फिर से सिर उठा सकते हैं।

ऐसे में सुरक्षा का सबसे अधिक भार केरिपुब के कांधों पर होगा। पहले ही जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसी के कांधों पर है। केरिपुब के प्रवक्ता का कहना था कि कई जिम्मेदारियां होने से जवानों की संख्या कम पड़ रही है। आतंकवाद विरोधी ग्रिड से जवानों की संख्या कम नहीं की जा सकती। अतः केंद्रीय गृहमंत्रालय से आग्रह किया गया है।

सेना भी अपनी अहम भूमिका निभाएगी। जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर केरिपुब के जवानों का साथ जम्मू कश्मीर पुलिस देगी तो जम्मू-पठानकोट राजमार्ग के पाकिस्तानी सीमा से सटे इलाकों में बीएसएफ की मदद ली जाएगी। इसी प्रकार अमरनाथ यात्रा के पड़ावस्थलों के आसपास के पहाड़ों की सुरक्षा का जिम्मा सेना के हवाले कर दिया जाएगा।

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