लाइव न्यूज़ :

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला, नाबालिग लड़की को बालिग होने तक उसके पति के साथ रहने की अनुमति नहीं

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 4, 2021 20:33 IST

इलाहाबाद हाईकोर्टः लड़की के पिता ने हापुड़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के 24 नवंबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें लड़की को उसके पति के साथ जाने की अनुमति दी गई थी।

Open in App
ठळक मुद्देअदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि कानून के मुताबिक यह शादी शून्य है। लड़की बालिग हो जाएगी तब यह उसकी इच्छा पर निर्भर होगा कि वह इस शादी को माने या इसे शून्य करार दे।अदालत ने राज्य सरकार को उक्त लड़की के लिए एक सुरक्षित आश्रय गृह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जहां वह बालिग होने तक रह सके।

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घर से भागकर शादी करने वाली नाबालिग लड़की को अपने पति के साथ रहने का वैधानिक अधिकार नहीं है।

हालांकि, बालिग होने पर वह अपने विवाह को मान्यता दे सकती है या इसे शून्य करार देकर अपने पसंद के व्यक्ति के साथ रह सकती है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लड़की के पिता द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश पारित किया।

लड़की के पिता ने हापुड़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के 24 नवंबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें लड़की को उसके पति के साथ जाने की अनुमति दी गई थी। लड़की के पिता की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि पिंटू नाम का व्यक्ति जब लड़की को बहला फुसला कर अपने साथ ले गया तब हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के मुताबिक, उस समय लड़की की उम्र महज 16 वर्ष थी।

उन्होंने कहा कि भले ही लड़की ने पिंटू से विवाह किया, लेकिन उसे उसके साथ रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत में मौजूद लड़की ने इस तथ्य को स्वीकारा कि उसने अपनी मर्जी से पिंटू से शादी की और वह अपने माता पिता के साथ नहीं रहना चाहती।

अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि कानून के मुताबिक यह शादी शून्य है। इसलिए, जब लड़की बालिग हो जाएगी तब यह उसकी इच्छा पर निर्भर होगा कि वह इस शादी को माने या इसे शून्य करार दे।

अदालत ने राज्य सरकार को उक्त लड़की के लिए एक सुरक्षित आश्रय गृह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जहां वह बालिग होने तक रह सके। अदालत ने हापुड़ के जिला जज को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि एक महिला न्यायिक अधिकारी महीने में एक बार लड़की से मिले और उसका हालचाल ले। अदालत ने यह आदेश 27 जनवरी, 2021 को पारित किया।

टॅग्स :कोर्टइलाहाबादहाई कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

बॉलीवुड चुस्कीसेलिना जेटली ने ऑस्ट्रियाई पति पीटर हाग पर लगाया घरेलू हिंसा का आरोप, ₹50 करोड़ का हर्जाना मांगा

भारतबिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे राउज एवेन्यू कोर्ट के जज विशाल गोगने को की बदलने की मांग

भारतजस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

क्राइम अलर्टजबरन धन की वसूली, पुलिसकर्मी सेवा से बर्खास्त सिपाही ध्रुव चंद्र-राजू यादव, जानें कहानी

भारत अधिक खबरें

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा