ओमप्रकाश राजभर का साथ लेने के बाद सपा पर टिकट बेचने के इल्जाम लगे, अखिलेश यादव ने सुभासपा प्रमुख पर किया हमला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 28, 2022 08:05 PM2022-07-28T20:05:53+5:302022-07-28T20:07:35+5:30
अखिलेश यादव ने बातचीत में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और उसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का जिक्र आने पर कहा "समाजवादी पार्टी और उसके गठबंधन पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप पहले कभी नहीं लगे लेकिन जब समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया तब ऐसे आरोप लगने लगे।"
वाराणसीः समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व गठबंधन सहयोगी ओमप्रकाश राजभर पर करारा प्रहार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनके साथ आने के बाद ही सपा पर चुनाव के टिकट बेचने के इल्जाम लगाए गए।
यादव ने बातचीत में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और उसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का जिक्र आने पर कहा "समाजवादी पार्टी और उसके गठबंधन पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप पहले कभी नहीं लगे लेकिन जब समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया तब ऐसे आरोप लगने लगे।" सपा गठबंधन से रिश्ते खराब होने के बाद राजभर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर यादव ने कहा कि जो भी लोग भाजपा को खुश करेंगे उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।
सुभासपा ने सपा गठबंधन में शामिल होकर उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और उसने छह सीटें जीती थी लेकिन गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने और पिछले महीने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद राजभर सपा मुखिया के खिलाफ खुल कर बोल रहे थे।
पिछले दिनों यादव ने राजभर को एक पत्र जारी कर कहा था कि अगर उन्हें कहीं और ज्यादा सम्मान मिलता दिख रहा हो तो वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। वातानुकूलित कमरों से बाहर आकर जनता के बीच काम करने की राजभर की राय पर यादव ने कहा "मैं पिछले 22 सालों से राजनीति में हूं। मैं सब जानता हूं कि वह किसके उकसाने पर ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं।
ऐसा लगता है कि उनके अंदर किसी दूसरी पार्टी की आत्मा प्रवेश कर गई है जो सिर्फ झाड़-फूंक से ही बाहर जा सकती हैं।" इस बीच, टिकट बेचने संबंधी यादव के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुभासपा महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि पूर्वांचल में गठबंधन के लिए कोई मजबूत साथी नहीं मिल पाने की वजह से सपा नाराज है और इसीलिए वह पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, "इससे साबित होता है कि अखिलेश यादव मानसिक रूप से कितने परेशान हैं।
सच्चाई यह है कि अखिलेश यादव के चारों तरफ मौजूद नवरत्न चुनाव के टिकट के लिए धन वसूली कर रहे थे। उन्होंने धन लिया और हम पर आरोप लग रहे हैं।" सपा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा पर आरोप लगाया कि यह पार्टी 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर चलती है और यह सिर्फ समुदायों और जातियों को बांटने तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह विपक्ष को बांटने और उसके नेताओं को डराने के लिए भी है। उनका कहना था कि हो सकता है कि भाजपा की तरफ से कोई दबाव या धमकी दी गई हो जैसा कि हमने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बंगाल में भी देखा।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ पर यादव ने कहा कि ऐसा करके भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि जो भी उसके खिलाफ बोलेगा उसे समन जारी कर दिया जाएगा। सपा नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के बारे में यादव ने कहा, "वह हमेशा मेरे चाचा रहेंगे लेकिन अगर उन्हें लगता है कि मैं उन्हें समुचित सम्मान नहीं दे पा रहा हूं तो मैंने उन्हें आजाद कर दिया अब वह जिस पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहें, कर सकते हैं।"