एयरसेल-मैक्सिस केस मामले में ED ने फिर की पी चिदम्बरम से पूछताछ

By भाषा | Published: August 24, 2018 04:25 PM2018-08-24T16:25:07+5:302018-08-24T16:25:07+5:30

जून में ईडी की ऐसी ही पूछताछ के बाद चिदम्बरम ने कहा था कि उन्होंने एजेंसी से जो कुछ कहा, वह पहले से ही सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। उन्होंने यह भी कहा था कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, उसके बाद भी जांच शुरु की गयी।

Aircel-Maxis case: P Chidambaram questioned by Enforcement Directorate today | एयरसेल-मैक्सिस केस मामले में ED ने फिर की पी चिदम्बरम से पूछताछ

एयरसेल-मैक्सिस केस मामले में ED ने फिर की पी चिदम्बरम से पूछताछ

नई दिल्ली, 24 अगस्तःप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बम से फिर आज पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चिदम्बरम का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया जाएगा। समझा जाता है कि जांच एजेंसी इस सौदे के बारे में चिदम्बरम से कुछ नये सवाल करना चाहती है। उसने इससे पहले इस सौदे के बारे में एफआईपीबी के अधिकारियों का बयान दर्ज किया था । उम्मीद है कि चिदम्बरम का उनसभी से आमना-सामना कराया जाएगा।



पहले चिदम्बरम से उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (जो अब अस्तित्व में नहीं है) द्वारा एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी देने में अपनायी गयी प्रक्रिया और तत्कालीन स्थिति के बारे में सवाल किये गये थे। चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम से इस मामले में ईडी से दो बार पूछताछ कर चुकी है।

जून में ईडी की ऐसी ही पूछताछ के बाद चिदम्बरम ने कहा था कि उन्होंने एजेंसी से जो कुछ कहा, वह पहले से ही सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। उन्होंने यह भी कहा था कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, उसके बाद भी जांच शुरु की गयी।

उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘आधे से ज्यादा समय सवालों के जवाब को बिना किसी त्रुटि के टाईप करने, बयान को पढ़ने और उस पर दस्तखत करने में लगाया गया।’’एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण का संबंध विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को एयरसेल में निवेश के लिए दी गयी मंजूरी से है। 

उच्चतम न्यायालय ने 12 मार्च को सीबीआई और ईडी को टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामलों की जांच, जिनमें एयरसेल मैक्सिस कथित धनशोधन प्रकरण भी शामिल है, छह महीने में पूरा करने का निर्देश दिया था।

एजेंसी ने कहा था कि एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में एफआईपीबी मंजूरी मार्च, 2006 में चिदम्बरम ने दी थी जबकि वह 600 करोड़ रुपये तक ही परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए अधिकृत थे, और उससे अधिक की राशि के लिए आर्थिक मामलों से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से मंजूरी जरुरी थी।

ईडी तत्कालीन वित्तमंत्री द्वारा दी गयी एफआईपीबी मंजूरी की स्थितियों की जांच कर रही है। ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘इस मामले में 80 करोड़ डॉलर (3500 करोड़ रुपये से अधिक) एफडीआई की मंजूरी मांगी गयी थी। अतएव सीसीईए ही मंजूरी देने के लिए अधिकृत थी। लेकिन सीसीईए से मंजूरी नहीं ली गयी।’’ 

Web Title: Aircel-Maxis case: P Chidambaram questioned by Enforcement Directorate today

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे