लाइव न्यूज़ :

AIIMS भोपाल के निदेशक सरमन सिंह का दावा, 'कोविड-19 के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू दवा के प्रयोग के अच्छे परिणाम आए हैं'

By भाषा | Updated: May 16, 2020 13:44 IST

कोरोना वायरस के इलाज में हम भोपाल के एम्स में पिछले कुछ दिनों से माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्दे सिंह ने बताया कि शीघ्र ही जापान में प्रयोग की जा रही फेवीपिराविर दवा का भी उपयोग कोविड-19 के उपचार के लिए किया जाएगा।अगर क्लिनिकल ट्रायल में वह कारगर साबित होगी तो कोविड-19 के लिए दवाई बन जाएगी।

भोपाल: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के निदेशक प्रोफेसर सरमन सिंह ने शनिवार को बताया कि कोविड-19 के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) दवा का पिछले कुछ दिनों से एम्स भोपाल में क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इसके अच्छे परिणाम आये हैं। एम्स (भोपाल) में तीन मरीज इस क्लिनिकल ट्रायल में अब तक ठीक हो चुके हैं। सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘कोरोना वायरस के इलाज में हम भोपाल के एम्स में पिछले कुछ दिनों से माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू दवा के प्रयोग के अच्छे परिणाम आए हैं। माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अब तक कोरोना वायरस के चार मरीजों का पंजीकरण भी हो गया है और उनमें से तीन पूरी तरह से स्वस्थ हो गये हैं। ठीक हुए इन तीनों मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।’’ सिंह ने बताया कि शीघ्र ही जापान में प्रयोग की जा रही फेवीपिराविर दवा का भी उपयोग कोविड-19 के उपचार के लिए किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी जमाने में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू वैक्सीन कहलाती थी, लेकिन अब दवा कहलाती है। माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का ही हम क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं। अगर क्लिनिकल ट्रायल में वह कारगर साबित होगी तो कोविड-19 के लिए दवाई बन जाएगी।’’

मालूम हो कि माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का इस्तेमाल कुष्ठ रोग में किया जाता है और इस दवा का कोविड-19 के गंभीर मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) को मंजूरी मिली थी, जिसके बाद से एम्स भोपाल सहित देश के तीन अस्पतालों में इसका क्लिनिकल ट्रायल हो रहा है।

असलियत में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का इस्तेमाल कोरोना वायरस से बचाव के लिए नहीं है, बल्कि यह कोविड-19 के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में योगदान करता है। इस प्रकार यह इस बीमारी से लड़ने में सहायक होता है। मध्य प्रदेश में अब तक कोविड-19 से संक्रमितों का आंकड़ा 4,595 तक पहुंच गया। इनमें से 240 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। 

टॅग्स :कोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतGoa Club Fire: गोवा समेत दुनिया भर में नाइट क्लब की आग में जली कई जिंदगियां, जानें

भारतबिहार में जहां खून से लाल होती थी धरती, वहां फूलों की खेती से महक उठा है इलाका, लाखों कमा रहे हैं किसान

भारतUP: टॉफी ने ले ली दो साल के बच्चे की जान, गले में अटक गई थी टॉफी, दम घुटने से नहीं बच सका बच्चा

भारतAadhaar Biometric Lock: स्कैमर्स कभी नहीं कर पाएंगे आधार कार्ड का मिस यूज, मिनटों में लॉक करें अपना आधार

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास