"अग्निवीर को खत्म किया जाना चाहिए, यह योजना युवाओं का अपमान है, जल्द हो समीक्षा", जदयू के केसी त्यागी के बाद पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने उठाई आवाज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 9, 2024 07:35 IST2024-06-09T07:23:45+5:302024-06-09T07:35:08+5:30
अग्निवीर योजना पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी के बयान का समर्थन करते हुए पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि इस योजना को खत्म किया जाना चाहिए और इस योजना की समीक्षा करने की जरूरत है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: अग्निवीर योजना पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी के बयान का समर्थन करते हुए पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि इस योजना को खत्म किया जाना चाहिए और इस योजना की समीक्षा करने की जरूरत है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पप्पू यादव ने कहा, "निश्चित रूप से अग्निवीर की समीक्षा की जानी चाहिए। अग्निवीर को फौरन समाप्त किया जाना चाहिए। यह योजना सीधे-सीधे देश के युवाओं का अपमान है।"
इसके साथ पप्पू यादव ने एनडीए के प्रमुख घटक दलों के प्रमुखों टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार से भी अपील की कि वे 'अग्निवीर' जैसी योजनाओं का समर्थन न करें।
निर्दलीय सांसद यादव ने कहा, "मैं चंद्रबाबू और नीतीश कुमार से कहूंगा कि वे समाज में नफरत फैलाने वाले मोदी सरकार के किसी भी तरह की योजना का समर्थन न करें।"
इससे पहले गुरुवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा था कि उनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है, लेकिन वह चाहती है कि 'अग्निवीर' योजना की कमियों पर विस्तार से चर्चा की जाए।
उन्होंने कहा, "मतदाताओं का एक वर्ग अग्निवीर योजना से नाराज है। हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए।"
मालूम हो कि भारतीय सशस्त्र बलों में अग्निपथ योजना एक ऐसी योजना है, जहां चयनित उम्मीदवारों को चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में नामांकित किया जाता है। सशस्त्र बलों द्वारा अग्निवीरों को सेवा अवधि पूरी करने के बाद स्थायी कैडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इनमें से 25 फीसदी तक अग्निवीरों को नियमित कैडर के रूप में सशस्त्र बलों में चुना जाएगा और बाकि के 75 फीसदी को सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा चुनाव में एनडीए सहयोगी जेडीयू ने बिहार में 40 में से 12 सीटें हासिल कीं, जबकि बीजेपी ने भी 12 सीटें जीतीं। दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चार सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस तीन सीटें हासिल करने में सफल रही।
राज्य में इंडिया गठबंधन के भीतर विपक्षी दलों के बीच एक समझौते के तहत राजद ने बीमा भारती को पूर्णिया सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, जिससे कांग्रेस को यहां से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला।
उसके बाद पप्पू यादव ने कांग्रेस से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पूर्णिया से नामांकन दाखिल किया और वहां से 5,67,556 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। उन्होंनेजेडीयू के संतोष कुमार को 23,847 वोटों के अंतर से हराया है। 543 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 240 सीटें और एनडीए को 292 सीटें हासिल हुई हैं।
कांग्रेस ने इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ा और सभी पार्टियाँ मिलकर भाजपा को लोकसभा में अपने दम पर बहुमत पाने से रोकने में सफल रहीं। कांग्रेस को 99 सीटें हासिल हुईं. समाजवादी पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 29 सीटें और डीएमके 22 सीटें जीतने में कामयाब रही।