Agnipath Protests:'अग्निपथ योजना पर हलचल की उम्मीद नहीं थी', बोले नौसेना प्रमुख
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 17, 2022 08:52 PM2022-06-17T20:52:35+5:302022-06-17T20:52:35+5:30
नौसेना प्रमुख ने कहा कि 'मैंने इस तरह के किसी विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। हमने करीब डेढ़ साल तक अग्निपथ योजना पर काम किया।'
नई दिल्ली: नई सैन्य भर्ती नीति 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं। देशभर से आई विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों ने नौसेना प्रमुख को भी हैरान कर दिया है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने देश के कई हिस्सों में हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना को लेकर व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी।
एडमिरल कुमार ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में इस सप्ताह की शुरुआत में तीनों सेना प्रमुखों द्वारा शुरू की गई केंद्र की अग्निवीर भर्ती योजना भारतीय सेना में सबसे बड़ा मानव संसाधन प्रबंधन परिवर्तन है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि गलत सूचना और गलतफहमी के कारण विरोध हो रहा है।
उन्होंने कहा, 'मैंने इस तरह के किसी विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। हमने करीब डेढ़ साल तक अग्निपथ योजना पर काम किया।' अग्निपथ योजना को परिवर्तनकारी बताते हुए, एडमिरल कुमार ने कहा, "यह भारत में निर्मित और भारत के लिए बनाई गई योजना है।"
#WATCH I didn't anticipate any protests like this. We worked on Agnipath scheme for almost a year & half...It's single biggest Human Resources Management transformation in Indian military...Protests are happening due to misinformation & misunderstanding of the scheme: Navy Chief pic.twitter.com/ek2KiK25iB
— ANI (@ANI) June 17, 2022
इस योजना को वापस लेने की मांग को लेकर देश भर में तीव्र विरोध के बीच, नौसेना प्रमुख ने कहा, “मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि वे विरोध न करें और हिंसक न हों। उन्हें योजना को समझना चाहिए और शांतिपूर्ण रहना चाहिए। युवाओं के लिए देश की सेवा करने का यह एक शानदार अवसर है।"
आपको बता दें कि चार साल के अल्पकालिक संविदा भर्ती मॉडल ने देश के 10 से अधिक राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की खबरे आई हैं। तेलंगाना के सिकंदराबाद क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि बिहार में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़ी संख्या में ट्रेनों में आग लगा दी गई है।