सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजीव हत्याकांड से रिहा हुए एजी पेरारीवलन ने कहा, "31 साल में बहुत कुछ बदल चुका है, अभी मैं लंबी सांस लूंगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 18, 2022 03:49 PM2022-05-18T15:49:52+5:302022-05-18T15:59:48+5:30
राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से मिली रिहाई के बाद एजी पेरारिवलन ने कहा कि वो अपनी मां के संघर्ष के कारण आज आजाद हवा में सांस ले पा रहे हैं।
चेन्नई: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सजायाफ्ता एजी पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट से मिली आजादी के बाद कहा कि उनकी रिहाई उनकेमां के आशीर्वाद का नतीजा है।
लगभग तीन दशकों तक सलाखों के पीछे रहने वाले एजी साल 1998 में राजीव हत्याकांड में दोषी ठहराये गये थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 में श्रीपेरंबदूर में लिट्टे आत्मघाती हमले हो गई थी। राजनीव गांधी उस समय लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तमिलननाडु की यात्रा पर थे।
सुप्रीम कोर्ट से मिली रिहाई के बाद एजी ने कहा कि वो अपनी मां के संघर्ष के कारण आज आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। तमिलनाडु के जोलारपेट्टई स्थित अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमने ईमानदारी से लड़ाई लड़ी और मेरी मां अर्पुथम्मल के हौसले से मुझे ताकत मिली।
समाचार वेबसाइट 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक उन्होंने कहा, “मेरी कैद के दौरान मां ने बहुत अपमान और दर्द सहा है। मुश्किलों के बावजूद उसने मेरे लिए 31 साल तक इंसाफ की लड़ाई लड़ी। यह फैसला मेरे मां के संघर्ष का नतीजा है।”
पेरारीवलन ने कहा, "जेल की कैद से अभी बाहर आया हूं। 31 साल में बहुत कुछ बदल चुका है। अभी मैं लंबी सांस लूंगा। मुझे इसके लिए कुछ समय चाहिए।"
इस मौके पर पेरारिवलन की मां अर्पुथम्मल ने कहा, “मीडिया बीते 31 साल चली लंब लड़ाई के बारे में सब कुछ जानता है। कई लोगों ने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया है, जिसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देती हूं। सोचिए एक आदमी ने जेल में इतना लंबा समय गुजार कर कितना दर्द सहा होगा, लेकिन मेरे बहादुर बेटे ने उस दर्द पर काबू पा लिया है।"
वहीं एजी ने तिरुक्कुरल दोहे का हवाला देते हुए कहा, "यह हमारी प्रकृति का नियम है कि अच्छाई जीवित रहेगी और बुराई मिटकर रहेगी।"
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत राजीव गांधी की हत्या के मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया।
एजी के रिहाई का आदेश देते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने सितंबर 2018 में कफी सोच-विचार के बाद ही राज्यपाल को एदी पेरारिवलन की रिहाई की सिफारिश की थी।