कर्नाटक में मिली हार के बाद भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बदलेगी रणनीति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 15, 2023 09:12 PM2023-05-15T21:12:42+5:302023-05-15T21:12:42+5:30

इस साल के अंत तक चार अहम राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव होंगे। इनमें से केवल मध्य प्रदेश में भाजपा का शासन है और पार्टी राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की उम्मीद कर रही है।

After Karnataka Loss, BJP To Change Strategy For Rajasthan, Madhya Pradesh | कर्नाटक में मिली हार के बाद भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बदलेगी रणनीति

कर्नाटक में मिली हार के बाद भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बदलेगी रणनीति

Highlightsइस साल के अंत तक चार अहम राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव होंगे इन चार राज्यो मे से केवल मध्य प्रदेश में भाजपा का शासन हैवहीं भगवा पार्टी राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की उम्मीद कर रही है

नई दिल्ली: कर्नाटक चुनाव में करारी के हार के बाद भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चौकन्नी हो गई है। वह इस साल के अंत में होने वाले राज्य चुनावों के अगले दौर के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करेगी। इस साल के अंत तक चार अहम राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव होंगे। इनमें से केवल मध्य प्रदेश में भाजपा का शासन है और पार्टी राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की उम्मीद कर रही है।

लीक से हटकर बात करते हुए, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा ने सभी चार राज्यों में नेतृत्व के मुद्दे और उम्मीदवारों को तय करते समय जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखने का फैसला किया है। यह कर्नाटक से एक कठिन सबक है, जहां बीएस येदियुरप्पा को शीर्ष पद से हटाने और जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सदावी को टिकट देने से इनकार करने के फैसले ने लिंगायतों को कांग्रेस की ओर धकेल दिया।

सूत्रों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पार्टी छोटे दलों के साथ चुनावी गठबंधन के लिए भी तैयार है। ऐसी अटकलें हैं कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के साथ गठबंधन करने से बीजेपी को कुछ सीटों पर मदद मिली होगी। सबसे बड़ा बदलाव केंद्रीय नेताओं और राज्य के मुख्यमंत्रियों पर अत्यधिक निर्भरता के बजाय स्थानीय नेताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। स्थानीय नेताओं को अभियान चलाने की अनुमति देना कांग्रेस के लिए अच्छा रहा।

दरअसल, कर्नाटक में इसे एक प्रमुख समस्या के रूप में देखा गया, जिसके कारण जगदीश शेट्टार जैसे नेताओं को टिकट नहीं मिला। यह रणनीति राजस्थान और मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण होगी, जहां सामंजस्य की कमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।

सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी का चेहरा बने रहेंगे लेकिन उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और बीडी शर्मा जैसे अन्य नेताओं को अपने साथ लेने के लिए कहा जाएगा। वहीं राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, जिन्हें केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल से बाहर देखा जाता है - को वरीयता दी जाएगी। लेकिन किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह शेखावत, सतीश पूनिया और अन्य जैसे विभिन्न जाति समूहों से संबंधित राज्य के नेताओं को भी महत्व दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल, अरुण साव को महत्व दिया जाएगा और तेलंगाना में बंदी सजय, ई राजेंद्रन, जी किशन रेड्डी पार्टी के प्रमुख चेहरे होंगे। सूत्रों ने कहा कि राज्य के नेताओं से उनके मतभेदों को दूर करने और पार्टी का एकजुट चेहरा पेश करने के लिए कहा जाएगा।

Web Title: After Karnataka Loss, BJP To Change Strategy For Rajasthan, Madhya Pradesh

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