दिवाली के बाद दिल्ली की हवा हुई बहुत खराब, लेकिन पिछले तीन सालों से बेहतर

By भाषा | Updated: October 28, 2019 12:24 IST2019-10-28T12:24:07+5:302019-10-28T12:24:07+5:30

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता पास के गाजियाबाद (375), ग्रेटर नोएडा (356), गुड़गांव (352) और नोएडा (375) से बेहतर रही। 10 या 10 माइक्रोन से कम व्यास वाले अत्यंत सूक्ष्म अभिकण ‘पार्टिकुलेट मैटर’ पीएम 10 का स्तर रविवार को आनंद विहार में 515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था।

After Diwali, Delhi's air is very bad, but better than last three years | दिवाली के बाद दिल्ली की हवा हुई बहुत खराब, लेकिन पिछले तीन सालों से बेहतर

After Diwali, Delhi's air is very bad, but better than last three years

Highlightsवजीरपुर और बवाना में, पीएम 2.5 का स्तर 400 के स्तर को पार कर गया था।एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे ‘‘गंभीर व आपातकालीन’’ श्रेणी का माना जाता है।

दिवाली के बाद सुबह के समय वैसे हर साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे खराब श्रेणी में पहुंच जाता है, लेकिन इस बार हवा की गुणवत्ता पिछले तीन साल से बेहतर रही, जो पिछले साल की तुलना में लगभग आधी रही। यह एक अच्छा संकेत है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह साढ़े दस बजे हवा का गुणवत्ता सूचकांक 345 था। यह रविवार को शाम चार बजे 337 रहा था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा, ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली’ (सफर) ने पहले अनुमान जताया था कि पटाखे फोड़ने व प्रतिकूल मौसम के कारण देर रात एक बजे से लेकर सोमवार सुबह छह बजे के बीच शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में पहुंच जाएगा।

हालांकि, शहर का एक्यूआई रात के 11 बजे 327 था जो साढ़े तीन बजे तक गिरकर 323 पर आ गया, जबकि इस समय इसके ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका थी। लेकिन धुंध के कारण सुबह 8:30 बजे एक्यूआई 340 पर पहुंच गया। पिछले साल दिवाली के बाद, दिल्ली में एक्यूआई 600 को पार कर गया था, जो कि सुरक्षित स्तर का 12 गुना था। 2017 में दिवाली के बाद एक्यूआई 367 और 2016 में 425 पर पहुंच गया था। उल्लेखनीय है कि, 0-50 के बीच एक्यूआई को ‘‘अच्छा’’ माना जाता है, जबकि 51-100 ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 ‘‘मध्यम’’, 201-300 ‘‘खराब’’, 301-400 ‘‘बहुत खराब’’ और 401-500 ‘‘गंभीर’’ श्रेणी का माना जाता है। एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे ‘‘गंभीर व आपातकालीन’’ श्रेणी का माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता पास के गाजियाबाद (375), ग्रेटर नोएडा (356), गुड़गांव (352) और नोएडा (375) से बेहतर रही। 10 या 10 माइक्रोन से कम व्यास वाले अत्यंत सूक्ष्म अभिकण ‘पार्टिकुलेट मैटर’ पीएम 10 का स्तर रविवार को आनंद विहार में 515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था।

वजीरपुर और बवाना में, पीएम 2.5 का स्तर 400 के स्तर को पार कर गया था। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने पटाखे फोड़ने के लिए दो घंटे की समय-सीमा तय कर रखा है, जिसका राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में उल्लंघन हुआ। हर साल दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक हो जाने के मद्देनजर 2018 में उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया और केवल हरित पटाखे जलाने की मंजूरी दी थी। 

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