तमिलनाडु में पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे अधिवक्ता
By भाषा | Published: December 4, 2019 06:09 AM2019-12-04T06:09:26+5:302019-12-04T06:09:26+5:30
अधिवक्ता ने कहा कि पुडुचेरी में उच्च न्यायालय के एक अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है ।
तमिलनाडु में एक अधिवक्ता ने मद्रास उच्च न्यायालय से राज्य सरकार को राज्य और जिलास्तर पर तुरंत पुलिस शिकायत प्राधिकरण बनाने का निर्देश देने आग्रह किया है। अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि पुलिस प्रताड़ना के पीड़ित व्यक्ति को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने इसे जरूरी बनाया है ।
न्यायमर्ति एम सत्यनारायणन ओर आर हेमलता की खंडपीठ ने अधिवक्ता ए पी सूर्यपकाशम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 20 जनवरी मुकर्रर की है । मामले के दौरान महाधिवक्ता विजय नारायण ने अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार 14 नवंबर 2019 को पुलिस शिकायत प्राधिकरण की स्थापना कर चुकी है । गृह विभाग के प्रभारी सचिव को प्राधिकरण का चेयरमैन बनाया गया है, पुलिस महानिदेशक एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इसके सदस्य होंगे ।
उन्होंने बताया कि इसी तरह जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे जबकि पुलिस अधीक्षक एवं सबसे वरिष्ठ सहायक पुलिस अधीक्षक इसके सदस्य होंगे । सरकार के इस दावे का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे प्राधिकरण का गठन कर ही नहीं सकती है क्योंकि राज्य एवं जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण की अध्यक्षता क्रमश: उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एवं अवकाश प्राप्त जिला न्यायाधीश को करना चाहिए । अधिवक्ता ने कहा कि पुडुचेरी में उच्च न्यायालय के एक अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है ।