गणतंत्र दिवस के मद्देनजर कश्मीर में बढ़ाई गई अतिरिक्त सुरक्षा, गाड़ियों के साथ आम लोगों की भी हो रही है तलाशी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 21, 2023 12:19 PM2023-01-21T12:19:57+5:302023-01-21T12:26:12+5:30
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर आला अधिकारियों को अलर्ट रहने के साथ-साथ सीसीटीवी की कवरेज पर भी गंभीरता से ध्यान रखने को कहा गया है। यही नहीं अधिकारियों ने राजधानी शहर श्रीनगर समेत मुख्य कस्बों में अचानक छापेमारी आरंभ की है।
जम्मू: गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही जम्मू कश्मीर दोहरे खतरे से सहमने लगा है। यह खतरा सिर्फ पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर ही नहीं है बल्कि प्रदेश के भीतर भी आतंकी हमलों का खतरा सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों को भी है।
यही नहीं 26 जनवरी से पहले कश्मीर में लौटे तलाशियों के मौसम ने कश्मीरियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। वाहनों के अतिरिक्त पैदल चलने वालों को रोक कर और लंबी लाइनें लगवा कर तलाशी का क्रम फिर से शुरू होने का परिणाम है कि भयानक सर्दी में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है, पर वे चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
26 जनवरी के मद्देनजर हो सकते है हमले- अधिकारी
अधिकारियों के मुताबिक, पाक सेना एलओसी पर भारतीय सीमा चौकिओं पर कब्जे तथा सैनिक गश्ती दलों पर हमलों के लिए एक बार फिर बार्डर एक्शन टीमों को सक्रिय कर चुकी है। वे कहते हैं कि मिलने वाली सूचनाओं के मुताबिक, 26 जनवरी के आसपास ऐसे हमलों में तेजी इसलिए आ सकती है क्योंकि पाकिस्तान प्रदेश में दहशत फैलाना चाहता है।
याद रहे पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीमों द्वारा पहले भी कई बार एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर कई हमलों को अंजाम दिया जा चुका है जिसमें भारतीय सेना को भारी नुक्सान उठाना पड़ा था।
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर अधिकारियों को किया गया अलर्ट, तलाशी अभियान जारी
आला अधिकारियों को अलर्ट रहने के साथ-साथ सीसीटीवी की कवरेज पर भी गंभीरता से ध्यान रखने को कहा गया है। अधिकारियों ने राजधानी शहर श्रीनगर समेत मुख्य कस्बों में अचानक छापेमारी आरंभ की है। ऐसे में श्रीनगर के बाहरी इलाके में रहने वाला रशीद का कहना है कि ‘भयानक सर्दी के बीच रात को भी चलाए जाने तलाशी अभियानों से हमारी नींदें हराम हो रही हैं।’
कश्मीर वादी का शायद ही कोई शहर या कस्बा इस तलाशी अभियान से अछूता रहा होगा। सड़कों पर वाहनों की कतारों के साथ-साथ कश्मीरियों की भी कतारें अचानक नजर आने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि खतरा कितना है। यही नहीं कई स्थानों पर महिलाओं की तलाशी के लिए महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया है।
अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं दी है धमकी
दरअसल सुरक्षाबल ऐसा गणतंत्र दिवस की तैयारियों की सकुशलता की खातिर कर रहे हैं। यह सकुशल हो पाएगी या नहीं यह तो समय ही बता पाएगा लेकिन श्रीनगर शहर के अतिरिक्त जम्मू कश्मीर के प्रत्येक बड़े कस्बे में तैनात किए जा रहे सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद यह सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है कि समारोह शांतिपूर्वक हो पाएगा क्योंकि आतंकी कोशिशें भी उसी प्रकार बढ़ती जा रही हैं जिस प्रकार सुरक्षा व्यवस्थाएं आगे बढ़ रही है।
पिछले कई दिनों से जिस तरह से कश्मीरी भयानक सर्दी के मौसम से जूझ रहे हैं ठीक उसी प्रकार वे अब तलाशियों के इस मौसम को भी इसलिए सहन करने को मजबूर हैं क्योंकि सुरक्षाबलों को ‘घटनारहित’ गणतंत्र दिवस मनाना है। हालांकि किसी आतंकी गुट ने सीधे तौर पर गणतंत्र दिवस समारोहों पर कोई हमला आदि करने की धमकी नहीं दी है, पर सुरक्षधिकारी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं।