‘नाबालिग से दुष्कर्म’ की शिकायत पुलिस को एक दिन की देरी से करने पर आरोपी को मिली जमानत

By भाषा | Published: May 2, 2021 03:20 PM2021-05-02T15:20:30+5:302021-05-02T15:20:30+5:30

Accused got bail after a day's delay in police complaining of 'misdemeanor to a minor' | ‘नाबालिग से दुष्कर्म’ की शिकायत पुलिस को एक दिन की देरी से करने पर आरोपी को मिली जमानत

‘नाबालिग से दुष्कर्म’ की शिकायत पुलिस को एक दिन की देरी से करने पर आरोपी को मिली जमानत

नयी दिल्ली, दो मई दिल्ली की एक अदालत ने 14 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार शख्स को जमानत देते हुए कहा कि पुलिस को घटना की जानकारी देने में एक दिन की देरी हुई और मामले में जांच पहले ही पूरी हो गई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज रानी ने आरोपी पूरन सिंह बिष्ट को 20,000 रुपये के मुचलके और उतनी ही रकम का जमानतदार पेश करने पर इस शर्त पर जमानत दी कि वह पीड़िता के घर से स्थायी रूप से 15-20 किलोमीटर दूर रहेगा।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता 27 जनवरी 2021 से न्यायिक हिरासत में है और आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। पुलिस को मामले की सूचना देने में एक दिन की देरी हुई।’’

अदालत ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ता को 20,000 रुपये के मुचलके और उतनी ही रकम का जमानतदार पेश करने पर जमानत दी जाती है।’’

बिष्ट (34) को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 तथा बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून की धारा चार के तहत 26 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।

बिष्ट की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल और पीड़िता का परिवार एक ही इमारत में रहता है।

पीड़िता के पिता ने 2019 में बिष्ट से एक लाख 20 हजार रुपये उधार लिए थे।

बिष्ट के वकील प्रतीक मेहता ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पीड़िता के पिता से कई बार रुपये लौटाने के लिए कहा लेकिन उसने कभी नहीं लौटाए।’’

मेहता ने कहा कि जब याचिकाकर्ता ने लड़की के पिता से 26 जनवरी को अपने रुपये मांगे तो उसने झगड़ा करना शुरू कर दिया और उसे मामले में झूठा फंसाने की धमकी दी।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता सदस्य है और कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए याचिकाकर्ता को अपने परिवार की देखरेख करने की जरूरत है।’’

वकील ने कहा कि आरोपी उस इलाके से 15-20 किलोमीटर दूर मकान में रहने के लिए तैयार है जहां लड़की का परिवार किराये पर रहता है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक ए बी अस्थाना ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो कानून के तहत गंभीर आरोप लगे हैं।

न्यायाधीश ने आरोपी को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह उस इलाके में नहीं जाएगा या नहीं रहेगा, जहां पीड़िता रहती है।

साथ ही अदालत ने उसे किसी भी तरीके से पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों से संपर्क न करने, अभियोजन पक्ष के गवाहों को न धमकाने या प्रभावित न करने या सबूतों से छेड़छाड़ न करने के भी निर्देश दिए।

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