पलक झपकते ही दुश्मन के ठिकाने नेस्तानाबूत, जमीन के साथ ही समुद्र से दागने की क्षमता, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

By भाषा | Updated: September 30, 2019 15:42 IST2019-09-30T15:42:51+5:302019-09-30T15:42:51+5:30

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक सूत्र ने बताया कि परीक्षण सभी उड़ान मापदंडों पर खरा उतरा। उन्होंने बताया कि मिसाइल 290 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल भूमि के साथ-साथ समुद्र में स्थित मंच से भी दागी जा सकती है।

Ability to fire from ground-based platform, test of BrahMos supersonic missile | पलक झपकते ही दुश्मन के ठिकाने नेस्तानाबूत, जमीन के साथ ही समुद्र से दागने की क्षमता, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।

Highlightsसूत्रों ने बताया कि 11 मार्च 2017 को मिसाइल के पहले विस्तारित रूप का सफल परीक्षण किया गया था।ब्रह्मोस डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम का एक साझा उपक्रम है। 

भारत ने ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर तट पर सोमवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के विशेष संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जिसे जमीन के साथ ही समुद्र में स्थित मंच से दागा जा सकता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक सूत्र ने बताया कि परीक्षण सभी उड़ान मापदंडों पर खरा उतरा। उन्होंने बताया कि मिसाइल 290 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल भूमि के साथ-साथ समुद्र में स्थित मंच से भी दागी जा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि 11 मार्च 2017 को मिसाइल के पहले विस्तारित रूप का सफल परीक्षण किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। ब्रह्मोस डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम का एक साझा उपक्रम है। 

ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, लड़ाकू विमान से या जमीन से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल को दिन अथवा रात तथा हर मौसम में दागा जा सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता अचूक होती है। 

रैमजेट इंजन की मदद से मिसाइल की क्षमता तीन गुना तक बढ़ाई जा सकती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक किया जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य पर प्रहार करती है। इसके दागे जाने के बाद दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है।

हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। इसके एयर लॉन्च वर्जन का परीक्षण लगातार चल रहा है।  वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमान से इसके कई सफल फायर ट्रायल को आयोजित किया जा चुका है।

Web Title: Ability to fire from ground-based platform, test of BrahMos supersonic missile

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