राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने की घोषणा
By शिवेंद्र राय | Published: January 27, 2023 04:00 PM2023-01-27T16:00:43+5:302023-01-27T16:02:36+5:30
राजस्थान में 1993 के बाद से हर पांच साल पर प्रदेश की सरकार बदलती रही है। सत्ता की यह अदला-बदली सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी ने भी चुनावों में मजबूत भागीदारी करने की ठान ली है। ऐसे में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो सकते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। अब आम आदमी पार्टी ने भी घोषणा की है कि वह आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। इसकी घोषणा खुद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने की है।
मीडिया से बात करते हुए संदीप पाठक ने कहा, "जिस तरीके से हमें गुजरात, पंजाब और दिल्ली में जनता ने प्यार दिया है ठीक उसी तरीके से राजस्थान की जनता भी इस विधानसभा चुनाव में प्यार देगी। हमारी पार्टी यहां पर सरकार बनाने की स्थिति में होगी। हम भाजपा और कांग्रेस इन दोनों दलों से ऊपर हैं और अलग हैं। यहां की जनता को हम नया विकल्प देने वाले हैं।"
राजस्थान की सभी 200 विधान सभा सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ेगी चुनाव : संदीप पाठक, राष्ट्रीय महासचिव आप @SandeepPathak04@AAPRajasthan@AamAadmiPartypic.twitter.com/LFGJYQb6A7
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) January 27, 2023
संदीप पाठक ने कहा कि हमने एक मजबूत टीम बनाई है और पार्टी डोर-टू-डोर कैंपेन करेगी। इसकी शुरुआत शुक्रवार से जयपुर से कर दी गई है। बता दें कि पहले पंजाब में मिली अभूतपूर्व सफलता और गुजरात में अच्छे प्रदर्शन के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। आप ने गुजरात में भले ही पांच सीटें जीती हों लेकिन 39 सीटें ऐसी थी जहां पार्टी ने कांग्रेस को सीधी टक्कर दी और कांग्रेस की हार की वजह भी बनी।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने उत्साह दिखाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत में दो तरह की राजनीति हो रही है। एक सकारात्मक और दूसरी नकारात्मक। हम सकारात्मक राजनीति करेंगे क्योंकि राजस्थान की जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य की बहुत जरूरत है।
बता दें कि इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में नए मतदाता जुड़ेंगें। राजस्थान में लाखों की संख्या में नए मतादाता पहली बार अपना वोट डालेंगे। पहली बार वोट डालने वाले इन मतदाताओं पर सबकी नजर है। आम आदमी पार्टी के अलावा भाजपा ने भी अपने पधाकारियों को निर्देश दिए हैं कि मतदाता सूचियों में जो नए लोग जुड़े हैं उन्हें बीजेपी से जोड़ा जाए।
राजस्थान के चुनावी इतिहास की बात करें तो यहां जनता ने हर 5 साल में सत्ता में बदलाव किया है। राजस्थान में 1993 के बाद से हर पांच साल पर प्रदेश की सरकार बदलती रही है। सत्ता की यह अदला-बदली सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी ने भी चुनावों में मजबूत भागीदारी करने की ठान ली है। ऐसे में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो सकते हैं।