लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से जीती आम आदमी पार्टी, केजरीवाल तीसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री, जानें आप का सफर

By भाषा | Published: February 11, 2020 08:07 PM2020-02-11T20:07:10+5:302020-02-11T20:07:10+5:30

राजनीति में आने से पहले अरविंद केजरीवाल सरकारी नौकरी करते थे. समाज सेवा के लिए नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने एनजीओ परिवर्तन के जरिए लोगों के साथ झुग्गी झोपड़ी में काम किया.

Aam Aadmi Party Big Delhi Win Kejriwal will become CM for third time know AAP journey | लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से जीती आम आदमी पार्टी, केजरीवाल तीसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री, जानें आप का सफर

बंपर जीत के साथ आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल.

Highlightsकेजरीवाल ने जीत के बाद बताया कि वे पूरी तरह से शाकाहारी है और घर में बने खाने को प्राथमिकता देते है51वर्षीय केजरीवाल का जन्म हरियाणा के हिसार में हुआ था.

आम आदमी से जुड़े मुद्दों और विकास के एजेंडे के साथ राजनीति में आये अरविंद केजरीवाल लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लौटे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अब अरविंद केजरीवाल का तीसरा कार्यकाल होगा। दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव (2015) में आम आदमी पार्टी (आप) को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। केजरीवाल वर्ष 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उस चुनाव में आप ने सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, उनकी यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चल पाई थी।

केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 सीटों में 63 सीटों पर जीत दर्ज करने की ओर बढ़ रही है, जबकि भाजपा सात सीटों पर आगे है। नौ साल पहले 2011 में केजरीवाल अन्ना हजारे के नेतृत्व में चले ‘‘लोकपाल आंदोलन’’ के दौरान राजनीतिक फलक पर आये थे। इसके बाद जल्द ही उन्होंने आम आदमी पार्टी नाम से एक राजनीतिक पार्टी बना ली। आम आदमी पार्टी के गठन के बाद दिल्ली की राजनीति में एक नया विकल्प सामने आया।

हालांकि, केजरीवाल की महत्वाकांक्षा आप को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने की थी लेकिन इसमें उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए उनके खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन वह हार गए। उन्होंने 2017 में पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में भी अपनी पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश की।

पंजाब में कुछ हद तक उन्हें कामयाबी मिली, लेकिन गोवा में उन्हें सफलता नहीं मिली। केजरीवाल 2013 में पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और तब वह केवल 49 दिनों तक इस पद पर रहे थे लेकिन 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 सीटों में से 67 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की।

केजरीवाल के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले सख्त रवैये के साथ पार्टी को चलाया लेकिन बाद में उन्होंने अपने गुस्से पर काबू रखना सीख लिया। इस चुनाव में दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 20 हजार लीटर तक मुफ्त पानी, डीटीसी की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा और 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरों को लगाना उनके मुख्य चुनावी मुद्दे रहे।

अपने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने कई बार भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा था कि उनका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है। हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतते हुए शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रर्दशनों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा।

भाजपा के नेताओं ने उन्हें ‘‘आतंकवादी’’ कह कर पुकारा लेकिन केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि मतदाता यदि ऐसा समझते है तो वे भाजपा का समर्थन करें और यदि वे उन्हें दिल्ली का बेटा समझते है तो उनकी पार्टी को वोट दे।’’ ‘मफलरमैन’ के रूप में जाने जाने वाले केजरीवाल का जन्म हरियाणा के हिसार में 16 अगस्त, 1968 को गोबिंद राम केजरीवाल और गीता देवी के यहां हुआ था। केजरीवाल अपनी सादगी के लिए जाने जाते है। उनके परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चें-- बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित हैं।

केजरीवाल ने मंगलवार को जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मंच से कहा कि आज उनकी पत्नी सुनीता का जन्मदिन है। वह पूरी तरह से शाकाहारी है और घर में बने खाने को प्राथमिकता देते है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू कराने की दिशा में किए गए प्रयासों को लेकर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किए गए केजरीवाल उस टीम अन्ना के सदस्य थे, जिसमें देश की पहली आईपीएस अधिकारी एवं पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण शामिल थे।

केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वह 1989 में टाटा स्टील में नियुक्त हुए और तीन साल काम करने के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने के लिए 1992 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इस परीक्षा में सफल होने के बाद वह भारतीय राजस्व अधिकारी (आईआरएस) बन गये। उन्होंने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के साथ कोलकाता में भी काम किया।

केजरीवाल ने एक एनजीओ ‘परिवर्तन’ के जरिये लोगों के साथ झुग्गी झोपड़ी में काम किया। उन्होंने फरवरी 2006 में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त पद से इस्तीफा दे दिया और वह एक पूरी तरह से सामाजिक कार्यकर्ता बन गये। उन्होंने एक अन्य एनजीओ ‘पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन’ की शुरूआत की। 

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