बिहार चुनावः कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष एक बार फिर गहराया, नेतृत्व पर उठे सवाल

By शीलेष शर्मा | Published: November 18, 2020 08:06 PM2020-11-18T20:06:45+5:302020-11-18T20:08:07+5:30

कपिल सिब्बल के तीखे हमले के बाद सिब्बल को घेरने के लिये सलमान ख़ुर्शीद, अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेताओं के साथ साथ अनिल चौधरी जैसे छुटभैये नेता भी सिब्बल पर निशाना साधने में जुट गये हैं।

aaj ka taja samachar Bihar elections Internal conflict again Congress leadership kapil sibbal sonia gandhi | बिहार चुनावः कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष एक बार फिर गहराया, नेतृत्व पर उठे सवाल

सिब्बल को सलाह थी कि वह अपनी कमियों को पहले देखें ,सफलता के लिये "शॉर्ट कट'" नहीं होते।  (file photo)

Highlightsअनिल चौधरी ने तो सिब्बल को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में काम करने तक की पेशकश कर दी।अधीर रंजन चौधरी ने बिना सिब्बल का नाम लिये उनको पार्टी छोड़कर अलग पार्टी बना लेने को कह दिया।अधीर ने यहाँ तक कहा कि अगर कोई नेता सोचता है कि कांग्रेस उनके लिये सही पार्टी नहीं है तो वह नई पार्टी बना सकता है।

नई दिल्लीः बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष तेज़ होता जा रहा है। कपिल सिब्बल के तीखे हमले के बाद सिब्बल को घेरने के लिये सलमान ख़ुर्शीद, अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेताओं के साथ साथ अनिल चौधरी जैसे छुटभैये नेता भी सिब्बल पर निशाना साधने में जुट गये हैं।

अनिल चौधरी ने तो सिब्बल को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में काम करने तक की पेशकश कर दी, इधर अधीर रंजन चौधरी ने बिना सिब्बल का नाम लिये उनको पार्टी छोड़कर अलग पार्टी बना लेने को कह दिया।

अधीर ने यहाँ तक कहा कि अगर कोई नेता सोचता है कि कांग्रेस उनके लिये सही पार्टी नहीं है तो वह नई पार्टी बना सकता है। सलमान ने शायराना अंदाज़ में लिखा 'न थी हाल की जब हमें अपने ख़बर रहे देखते औरों के ऐब ओ हुनर पड़ी अपनी बुराइयों पर जो नज़र तो निगाह में कोई बुरा न रहा।' उनकी सिब्बल को सलाह थी कि वह अपनी कमियों को पहले देखें ,सफलता के लिये "शॉर्ट कट'" नहीं होते। 

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सिब्बल पर यह हमला एक रणनीति की तरह उन लोगों द्वारा कराया जा रहा है जो राहुल के बेहद करीबी हैं और महासचिव जैसे पदों पर बैठे हैं। सिब्बल पर हमला करने वालों को जबाब देने के लिये पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम भी अब खुल कर सामने आ गये।

उन्होंने कड़ी टिप्पणी की  कांग्रेस ज़मीन पर मज़बूत नहीं है ,बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने पर भी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस के पास मज़बूत संघटन नहीं था तो 70 सीटों पर जिनमें अधिकांश सीटें हारने वाली थीं पर उम्मीदवार क्यों उतारे। उनका मानना था कि देश भर में संघटन को मज़बूत करने के लिये लोगों के बीच जाने और सीधा संवाद करने की ज़रुरत है जब तक संघटन मज़बूत नहीं होगा कांग्रेस इसी तरह पराजय देखती रहेगी। 

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