नयी दिल्ली, 23 जनवरी दशक के समाप्त होने से पहले भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक क्षेत्रीय महाशक्ति बनने में योगदान देने वाले विभिन्न पहलुओं पर कई लेखों के जरिए एक नयी पुस्तक में विस्तार से चर्चा की गई है।
"इंडिया 2030: द राइज ऑफ ए राजसिक नेशन" नाम की यह पुस्तक बिबेक देबरॉय, विक्रम सूद, रघुनाथ अनंत माशेलकर, राम माधव और डेविड फ्रॉले सहित अन्य के निबंधों का एक संग्रह है।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष गौतम चिकरमने ने कहा कि पुस्तक में शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, ऊर्जा, राजनीति और विदेश नीति जैसे 20 विषयों पर 20 विचारकों के 20 अनुमान हैं, जो भारत को 2020 के दशक में प्रभावित करेंगे।
पुस्तक का प्रकाशन पेंगुइन रैंडम हाउस ने किया है।
चिकरमने ने अपने लेख में कहा है, "दो आक्रामक पड़ोसी देशों-- विस्तारवादी चीन और इस्लामवादी पाकिस्तान-- से मुकाबला करने के लिए अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के गठबंधन ‘क्वाड’ जैसे नये गठजोड़ और मजबूती से काम करेंगे। ये देश 2020 के दशक में एक नई क्षेत्रीय व्यवस्था को मूर्त रूप देंगे।"
पुस्तक में हाल में किए गए श्रम और कृषि सुधारों के अलावा नई शिक्षा नीति के पहलुओं एवं परिणामों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।
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