सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व को एक संदेश दिया थाः पीएम मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2019 20:16 IST2019-09-27T20:16:10+5:302019-09-27T20:16:10+5:30
सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में World Parliament of Religions के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- Harmony and Peace।

हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है।
विश्व शांति के लिए भारत के योगदान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने ‘‘युद्ध नहीं बुद्ध’’ दिये हैं तथा संरा शांति सेना में भारत का सबसे अधिक योगदान रहा है।
सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में World Parliament of Religions के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- Harmony and Peace।
21वीं सदी की आधुनिक टेक्नोलॉजी, समाज, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सामूहिक परिवर्तन ला रही है। इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है। ना ही हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है।
PM Narendra Modi at the #UNGA: India's contribution towards United Nations Peace-keeping missions has been immense, no other country in the world has sacrificed as much as India has for these peace-keeping missions https://t.co/FCCrEwYyn3pic.twitter.com/X4l2YFeTvk
— ANI (@ANI) September 27, 2019
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में हिंदी में दिये अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना गौरव की बात है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने (भारत ने) युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं’’ और संरा शांति सेना में भारत ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है।
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हम जल संरक्षण के साथ 15 करोड़ परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल आपूर्ति से जोड़ने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि 2025 तक हम भारत को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जन-भागीदारी से जन-कल्याण की दिशा में काम कर रहे हैं और यह केवल भारत ही नहीं ‘‘जग-कल्याण’’ के लिए है। ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन की दृष्टि से देखें तो वैश्विक तापमान को बढ़ाने में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है।