प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9 विपक्षी नेताओं ने लिखी चिट्ठी, मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को बताया लोकतंत्र पर हमला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2023 11:07 AM2023-03-05T11:07:45+5:302023-03-05T11:11:51+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9 विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी लिखकर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।

9 opposition leaders wrote a letter to Prime Minister Narendra Modi, calling Manish Sisodia's arrest an attack on democracy | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9 विपक्षी नेताओं ने लिखी चिट्ठी, मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को बताया लोकतंत्र पर हमला

फाइल फोटो

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Highlightsमनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के संबंध में विपक्षी दलों का मोदी सरकार पर हमला लगातार जारी 9 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इसे लोकतंत्र पर हमला बतायाचिट्ठी लिखने वालों में शरद पवार, ममता, तेजस्वी, अखिलेश और केसीआर समेत कई नेता शामिल

दिल्ली: शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार के खिलाफ आक्रमाक रूख अख्तियार करते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में 9 विपक्षी नेताओं ने इस मसले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सिसोदिया की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमले से जोड़ा है।

9 विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया है, "मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से मालूम होता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।”

चिट्ठी लिखने वालों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कुल नौ विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं। इनमें बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं।

इन सभी नेताओं की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक शासन और संघीय शासन प्रणाली पर गहरी चोट की तरह है और ऐसा लगता है कि क्षेत्रिय दलों को खत्म करने के लिए ऐसा कार्य किया गया है।

मालूम हो कि दिल्ली की नई शराब नीति में मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए नियमों मे भारी बदलाव किया, जिसका मकसद कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाना था। इस पूरे प्रकरण में कथित रूप से रिश्वत का भी लेनदेन हुआ। वहीं आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया लेकिन बाद में नई शराब नीति आनन-फानन में वापस ले ली।

सीबीआई ने मामले में जांच करते हुए कथित दिल्ली शराब घोटाले में सिसोदिया के खिलाफ लंबी पड़ताल के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार कल लिया। जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पहले पांच दिन की रिमांड ली और फिर शनिवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर कोर्ट से छह मार्च तक रिमांड बढ़वा ली।

जानकारी के अनुसार सीबीआई ने मामले में मनीष सिसोदिया का दो अहम सरकारी गवाहों से आमना-सामना कराया है। वहीं अभी दो और महत्वपूर्ण गवाहों से सिसोदिया का आमना-सामना करायेगी। सीबीआई ने जिन दो गवाहों से सिसोदिया से आमने-सामने पूछताछ की है। उनमें मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण हैं।

सीबीआई ने जांच प्रक्रिया में इस बात का भी खुलासा किया है कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और अरविंद सहित अरवा गोपी कृष्ण के सामने पूछताछ में असहयोग कर रहे थे।

Web Title: 9 opposition leaders wrote a letter to Prime Minister Narendra Modi, calling Manish Sisodia's arrest an attack on democracy

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