देश में कोविड-19 से मरने वाले 88 प्रतिशत लोगों की उम्र 45 साल या उससे ज्यादा
By भाषा | Published: March 25, 2021 07:54 AM2021-03-25T07:54:21+5:302021-03-25T07:56:01+5:30
कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के बारे में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एस के सिंह ने कहा कि 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 771 स्वरूप (वीओसीएस) सामने आए हैं और इनमें 736 नमूने वायरस के ब्रिटिश स्वरूप के मिले हैं।
नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में कोविड-19 से जान गंवाने वालों में करीब 88 प्रतिशत लोग 45 साल या उससे ज्यादा आयुवर्ग के थे । केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस आयुवर्ग में मामलों से जुड़ी मृत्युदर 2.85 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.37 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, “देश में कोविड-19 के कारण हो रही मौतों में से करीब 88 प्रतिशत 45 साल या उससे अधिक आयुवर्ग में हो रही हैं, ऐसे में यह सबसे ज्यादा जोखिम के दायरे में हैं जिन्हें बचाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि यही वजह है कि एक अप्रैल से 45 साल से ज्यादा आयुवर्ग के लोगों के टीकाकरण को मंजूरी दी गई है।
कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के बारे में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एस के सिंह ने कहा कि 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 771 स्वरूप (वीओसीएस) सामने आए हैं और इनमें 736 नमूने वायरस के ब्रिटिश स्वरूप के मिले। अब तक ऐसा कोई संबंध नहीं मिला है जिससे यह स्थापित हो कि कुछ राज्यों में मामलों में हुई बढ़ोतरी सिर्फ इन स्वरूपों से सीधे तौर पर संबंधित है। उन्होंने कहा कि बढ़ोतरी के पीछे विभिन्न कारण हैं।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में जोखिम के दायरे वाले लोगों की बड़ी आबादी है वहां मामलों के बढ़ने की आशंका ज्यादा है। जब भी जोखिम के ज्यादा दायरे में आने वाले लोग सतर्कता में कमी करेंगे और कोविड अनुकूल आचरण नहीं अपनाएंगे तो उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है फिर चाहे वह सामान्य विषाणु हो या उसका कोई स्वरूप। उन्होंने कहा कि विषाणु के तीन स्वरूप ही चिंता पैदा करने वाले हैं जो ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ राज्यों में अन्य स्वरूप भी मिले हैं जिनका आगे विश्लेषण और जांच किये जाने की आवश्यकता है। भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर कोविड-19 के करीब तीन प्रतिशत उपचाराधीन मरीज हैं और ये मामले मुख्य तौर पर 10 जिलों में केंद्रित हैं जिनमें से नौ महाराष्ट्र में हैं और एक कर्नाटक में। ये जिले हैं पुणे, नागपुर, मुंबई, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, नांदेड़, जलगांव, अकोला और बेंगलुरु शहरी। भूषण ने कहा, “दो राज्यों को लेकर चिंता ज्यादा है जहां संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पहला महाराष्ट्र है जहां 28,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण वाले पांच जिले पुणे, नागपुर, मुंबई, ठाणे और नासिक हैं।” भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा पंजाब को लेकर भी काफी चिंता है क्योंकि उसकी आबादी को देखते हुए वहां काफी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में जालंधर, एसएएस नगर, लुधियाना, पटियाला और होशियारपुर में काफी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और पंजाब के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई है जिससे इसके प्रसार को रोकने के लिये प्रभावी रणनीति बनाई जा सके। भूषण ने कहा कि अन्य राज्य भी है जो चिंता के कारण हैं और वे गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं चंडीगढ़ (केंद्रशासित प्रदेश) हैं जहां कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं। गुजरात में रोज कोरोना वायरस के करीब 1700 नये मरीज सामने आ रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश में रोजाना आंकड़ा करीब 1500 का है।
गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट और भावनगर तथा मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और बेतुल में अधिक मामले सामने आ रहे हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु में हाल ही में मामले बढ़े हैं। कर्नाटक में रोजाना करीब 2000 और तमिलनाडु में करीब 1400 मामले सामने आ रहे हैं।