जातीय दंगा फैलाने के लिए मॉरीशस से भेजे गए 50 करोड़, हाथरस कांड में ED का दावा
By स्वाति सिंह | Published: October 7, 2020 12:36 PM2020-10-07T12:36:15+5:302020-10-07T12:36:15+5:30
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, हाथरस की पुलिस ने एक वेबसाइट को लेकर केस दर्ज किया है। इसके बाद एजेंसी इसमें जांच का एंगल देखेगी। इस वेबसाइट के जरिए 'जस्टिस फॉर हाथरस' के लिए मुहिम चलाई गई
लखनऊ: हाथरस मामले में आए नए दिन खुलासे हो रहे हैं। बुधवार को उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काने के लिए 100 रुपये से ज्यादा की फंडिंग के सुराग मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर सकती है। सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है।
जानकारी के मुताबिक जांच में यह पता चला कि यूपी में दंगे भड़काने के लिए 100 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है इसमें 50 करोड़ रुपये मॉरीशस से आये थे। यह फंडिंग दंगे भड़काने में इस्तेमाल की जाने वाली वेबसाइट के जरिये हुई है। इसके साथ ही कई विदेशी एकाउंट की जानकारी भी मिली है।
वेबसाइट के जरिए चलाई गई 'जस्टिस फॉर हाथरस' मुहिम
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, हाथरस की पुलिस ने एक वेबसाइट को लेकर केस दर्ज किया है। इसके बाद एजेंसी इसमें जांच का एंगल देखेगी। इस वेबसाइट के जरिए 'जस्टिस फॉर हाथरस' के लिए मुहिम चलाई गई। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में ईडी जल्द ही PMLA के तहत इसमें मामला दर्ज कर फंडिंग पर जांच शुरू कर सकती है। साथ ही जल्द ही कई गिरफ्तारियां देखने को मिल सकती हैं।
गौरतलब है कि हाथरस में दंगे की साजिश रचने के आरोप में मेरठ से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। चारों का पीएफआई संगठन से रिश्ता बताया जा रहा था। पुलिस ने इनके पास से भड़काऊ साहित्य बरामद किया था। इससे पहले यूपी पुलिस ने एक वेबसाइट के जरिए दंगों की साजिश का दावा भी किया है।
हाथरस को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई गई गलत जानकारी
बता दें कि यूपी पुलिस का दावा है कि हाथरस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी फैलाई गई। जिसके कारण माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई और एक जाति से दूसरी जाति में लड़ाई करवाने की कोशिश की गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में एक्शन की बात कही थी, साथ ही विपक्ष पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया था।
गौरतलब है कि हाथरस की घटना 14 सितंबर को हुई थी, जब पीड़िता एक खेत में काम कर रही थी। जब उसे आरोपी ने पास के खेत में खींच लिया था और उसके साथ मारपीट की गई थी। परिवार का आरोप है कि उसके साथ गैंगरेप किया गया और उसका गला घोंटा गया। इसके चलते उसे गर्दन की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटों के साथ अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के एक अस्पताल में भेजा गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई। इस केस में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें संदीप भी शामिल है। वहीं, पीड़िता का रात में दाह संस्कार कराने को लेकर प्रशासन निशाने पर था।