जम्मू कश्मीर में 18 महीने बाद ‘4जी’ मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल
By भाषा | Updated: February 5, 2021 22:49 IST2021-02-05T22:49:39+5:302021-02-05T22:49:39+5:30

जम्मू कश्मीर में 18 महीने बाद ‘4जी’ मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल
जम्म्, पांच फरवरी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने समूचे जम्मू कश्मीर में उच्च गति वाली मोबाइल इंटरनेट (4जी) सेवा बहाल करने की शुक्रवार को घोषणा की। केंद्र द्वारा पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर अगस्त 2019 में उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के 18 महीने बाद यह सेवा बहाल की गयी है।
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने एक अधिसूचना जारी की और कश्मीर तथा जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक को पाबंदी हटाने के बाद के हालात पर करीबी नजर रखने को कहा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के राजभवन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को धन्यवाद कहा गया। ट्वीट में कहा गया कि इस कदम से लोगों खासकर युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
आदेश में कहा गया, ‘‘मौजूदा हालात और इन पाबंदियों को जारी रखने के संबंध में आकलन के लिए पिछले साल 11 मई को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एक विशेष कमेटी गठित की गयी थी। ’’
कमेटी ने चार फरवरी को बैठक की। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जतायी गयी आशंकाओं और उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने के आकलन पर गौर किया गया।
इसमें कहा गया, ‘‘विशेष कमेटी की सलाह के आधार पर मैं सरकार का प्रधान सचिव मोबाइट डाटा सेवा और फिक्सड लाइन इंटरनेट कनेक्टिविटी से पाबंदी हटाने का आदेश दे रहा हूं।’’
हालांकि, आदेश में साफ कहा गया है कि प्रीपेड सिम धारकों को सत्यापन के बाद ही उच्च गति की इंटरनेट सेवा मिलेगी।
इससे पहल, जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता और प्रधान सचिव रोहित कंसल ने ट्वीट किया, ‘‘समूचे जम्मू कश्मीर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की जा रही है।’’
अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में जम्मू कश्मीर का गृह विभाग जल्द ही एक अधिसूचना जारी करेगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अच्छा फैसला है।
उमर ने ट्वीट किया, ‘‘4जी मुबारक। अगस्त 2019 के बाद पहली बार समूचे जम्मू कश्मीर में 4 जी मोबाइल डाटा सुविधा उपलब्ध होगी।’’
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक घटनाक्रम बताया।
सरकार ने पांच अगस्त 2019 को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जब अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर, और लद्दाख में बांट दिया गया था।
बाद में पिछले साल की शुरुआत में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल की गयी थी और पिछले साल अगस्त में दो जिलों में कश्मीर क्षेत्र में गांदेरबल और जम्मू क्षेत्र में उधमपुर में उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी थी।
यह कदम तब उठाया गया, जब केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि एक विशेष समिति केंद्रशसित प्रदेश के 20 जिलों में से दो में प्रायोगिक आधार पर सेवा की शुरुआत करने पर विचार कर रही है।
उच्च गति की इंटरनेट सेवा केवल पोस्टपेड उपभोक्ताओं को मिल रही थी, जबकि प्रीपेड उपभोक्ताओं को सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही दी जा रही थी।
मोबाइल पर 2जी इंटरनेट सेवा 25 जनवरी को बहाल की गयी थी।
उच्चतम न्यायालय एक गैर सरकरी संस्था की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव के खिलाफ अदालत के 11 मई के आदेश का पालन नहीं करने के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।