लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अब तक 350 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया गया: रेलवे

By भाषा | Published: May 10, 2020 03:51 PM2020-05-10T15:51:41+5:302020-05-10T15:51:41+5:30

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 263 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थलों पर पहुंच गई है जबकि 87 अभी रास्ते में हैं।

350 laborers special trains have been operated till now to bring the trapped laborers home: Railways | लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अब तक 350 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया गया: रेलवे

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsप्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और जिनमें से प्रत्येक में 72 सीट हैं। सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए हालांकि अभी केवल 54 लोगों को ही अनुमति दी जा रही है।

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे ने गत एक मई से 350 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां संचालित की है और कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 3.6 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 263 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थलों पर पहुंच गई है जबकि 87 अभी रास्ते में हैं।

उन्होंने बताया कि 46 और रेलगाड़ियों का अभी संचालन होना है। प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और जिनमें से प्रत्येक में 72 सीट हैं। सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए हालांकि अभी केवल 54 लोगों को ही अनुमति दी जा रही है। रेलवे ने अभी तक विशेष सेवाओं पर होने वाली लागत की घोषणा नहीं की है।

अधिकारियों ने संकेत दिये कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले सरकार ने कहा था कि सेवाओं की लागत राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात पर साझा की गई है।  

बता दें कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य, यह देश के प्रवासी मजदूरों का सबसे बड़ा स्रोत है। यहां से लाखों मजदूर कमाई के लिए दूसरे शहरों में पलायन करते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच इन राज्यों के मजदूरों दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। इन सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चला रही है।

कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने वाली इन विशेष ट्रेनों के लिए रेलवे के दिशानिर्देशों के अनुसार उन दो राज्यों की स्वीकृति जरूर होगी जहां से ट्रेन चलेगी और जिस राज्य में जाएगी। इसके लिए उन्हें केंद्र और रेलवे से मांग करनी होती है।

आंकड़ों के मुताबिक देश भर में अब तक 350 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें यूपी ने मांगी हैं। उत्तर प्रदेश ने 88 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग कर इसके माध्यम से प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया है। वहीं 33 ट्रेनें रास्ते में हैं। इसके अलावा 21 और ट्रेनें आने वाले दिनों में अपनी यात्रा शुरू करेंगी।इसके बिहार ने 73 ट्रेनों को स्वीकार किया है। 17 ट्रेनें अभी रास्ते में हैं और 15 और ट्रेनों को राज्य में संचालित करने की अनुमति मिल गई है। इसके अलावा, कुछ अन्य राज्यों ने भी ट्रेनों की मांग की है।

 

Web Title: 350 laborers special trains have been operated till now to bring the trapped laborers home: Railways

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