अफगानिस्तान स्थित गुरुद्वारा और कमेटी के 300 सिख सुरक्षित, तालिबान द्वारा अपहरण किए जाने की खबर झूठी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 21, 2021 04:45 PM2021-08-21T16:45:22+5:302021-08-21T16:47:01+5:30
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर एस सिरसा ने बताया कि अफगानिस्तान में गुरुद्वारा परिसर में मौजूद करीब 300 सिख पूरी तरह सुरक्षित हैं. अब तक उनके साथ अपहरण जैसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि, अगर मीडिया या सोशल मीडिया में उनके असुरक्षित होने या अपहरण होने की खबर सामने आ रही है तो ऐसी घटना के संबंध में कोई भी रिपोर्ट झूठी है.
अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद कई स्थानीय और विदेशी नागरिक न सिर्फ राजधानी काबुल बल्की अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में फंस गए हैं. कई विदेशी नागरिक बाहर निकलने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे हैं. अफगानिस्तान में कई भारतीय नागरिक अब भी फंसे हुए हैं जिन्हें रेस्क्यू किया जाना है. वहीं अफगानिस्तान स्थित सिख गुरुद्वारा परिसर आतंकियों के निशाने से पूरी तरह सुरक्षित है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर एस सिरसा ने बताया कि अफगानिस्तान में गुरुद्वारा परिसर में मौजूद करीब 300 सिख पूरी तरह सुरक्षित हैं. अब तक उनके साथ अपहरण जैसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि, अगर मीडिया या सोशल मीडिया में उनके असुरक्षित होने या अपहरण होने की खबर सामने आ रही है तो ऐसी घटना के संबंध में कोई भी रिपोर्ट झूठी है.
Around 300 Sikhs who are in the gurudwara premises in Afghanistan are safe. No incident like kidnapping has occurred with them. Any report regarding such an incident is false: Manjinder S Sirsa, President, Delhi Sikh Gurdwara Management Committee pic.twitter.com/tg4YFjbI4e
— ANI (@ANI) August 21, 2021
बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहा रहने वाले हिंदू और सिख परिवारों को अपनी जान का डर सता रहा है और वे जल्द से जल्द वहां से निकलना चाहते हैं. काबुल में रहने वाले एक सिख उद्यमी ने कहा कि हम लोग जल्द से यहां से निकलना चाहते हैं हालांकि कुछ तालिबान नेताओं ने सिखों और हिन्दुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है.
इससे पहले अफगान उद्यमी गुरदीप सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है. उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि जलालाबाद में 2018 में आत्मघाती हमले के बाद भारत गए 10 सिखों सहित 19 लोग वहीं फंसे हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वे लोग वहां अपना व्यापार भी नहीं जमा सकते.’’ सिंह ने कहा कि अब वे ना तो अफगान हैं और ना ही भारतीय. सिंह ने कहा, ‘‘अगर कनाडा या अमेरिका अफगान सिख और हिन्दुओं की मदद को आगे आते हैं तो हम वहां जाना पसंद करेंगे. ये दोनों देश अतीत में वहां जाकर बसे अफगानों की पहले से काफी मदद कर रहे हैं.’’ अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है.
बता दें कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद कई स्थानीय और विदेशी नागरिक अफगानिस्तान के विभिन्न इलाकों में फंस गए हैं. इन नागरिकों में कई भारतीय नागरिक भी हैं जो अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. ये भारतीय नागरिक हर दिन सोशल मीडिया के जरिए सरकार से रेस्क्यू किए जाने की गुहार लगा रहे हैं.