5 साल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 24 छात्रों ने की आत्महत्या, सरकार ने संसद में दी जानकारी, कहा- कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता

By भाषा | Published: April 4, 2022 01:19 PM2022-04-04T13:19:22+5:302022-04-04T13:22:56+5:30

लोकसभा में दानिश अली के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी। अली ने पिछले पांच वर्षों में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं तथा उत्तर प्रदेश के तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में ऐसे मामलों के बारे में जानकारी मांगी थी।

24 students of central universities committed suicide in 5 years govt parliament | 5 साल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 24 छात्रों ने की आत्महत्या, सरकार ने संसद में दी जानकारी, कहा- कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता

5 साल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 24 छात्रों ने की आत्महत्या, सरकार ने संसद में दी जानकारी, कहा- कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता

Highlightsवर्ष 2017 से 2022 तक छात्रों की आत्महत्या के 24 मामलों की जानकारी मिली।ये मामले यूजीसी को उसके तहत आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों से मिले।केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को उसके तहत आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पिछले पांच वर्ष के दौरान छात्रों की आत्महत्या के 24 मामलों की जानकारी मिली है।

लोकसभा में दानिश अली के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी। अली ने पिछले पांच वर्षों में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं तथा उत्तर प्रदेश के तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में ऐसे मामलों के बारे में जानकारी मांगी थी।

प्रधान ने बताया, ‘‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सूचित किया है कि उसके दायरे में आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने वर्ष 2017 से 2022 तक छात्रों की आत्महत्या के 24 मामलों की जानकारी दी है।’’ उन्होंने बताया कि छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि यूजीसी ने आगे सूचित किया है कि तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद द्वारा नवंबर 2018 और अक्टूबर 2021 में छात्र आत्महत्या के दो मामलों के बारे में सूचना दी गई है। उक्त विश्वविद्यालय राज्य के निजी विश्वविद्यालय हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार और यूजीसी ने छात्रों के उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं को रोकने के लिए अनेक पहल की हैं। प्रधान ने कहा कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिये ‘यूजीसी (छात्रों की शिकायत निवारण) विनियम 2019’ तैयार किये गए हैं।

यूजीसी ने उच्च संस्थानों में रैगिंग की आशंका को रोकने के लिये यूजीसी विनियम 2009 भी अधिसूचित किए हैं और इसके कठोर अनुपालन के लिये परिपत्र जारी किए गए हैं।

मंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने शैक्षणिक तनाव को कम करने हेतु छात्रों के लिये सहायक पठन-पाठन, क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरूआत जैसे कदम उठाए हैं। इसके साथ छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहयोग प्रदान करने के लिये मनोदर्पण कार्यक्रम शुरू किये गए हैं।

Web Title: 24 students of central universities committed suicide in 5 years govt parliament

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