सबरीमला में प्रवेश से रोकी गई दूसरी महिला ने भी खटखटाया सुप्रीम अदालत का दरवाजा, अगले हफ्ते SC करेगा सुनवाई
By भाषा | Published: December 5, 2019 01:15 PM2019-12-05T13:15:12+5:302019-12-05T13:15:12+5:30
सबरीमाला मंदिरः प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की दलीलों पर गौर किया कि उनकी मुवक्किल बिंदु अम्मिनी पर सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर हमला किया गया था।
उच्चतम न्यायालय केरल की उस महिला की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हो गया जिसे सबरीमला मंदिर में प्रवेश से कथित रूप से रोका गया था। महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद उसे मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की दलीलों पर गौर किया कि उनकी मुवक्किल बिंदु अम्मिनी पर सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर हमला किया गया था।
जयसिंह ने कहा, “बिंदू पर किसी रसायनिक पदार्थ से पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर हमला किया गया।” साथ ही उन्होंने कहा कि केरल राज्य के अधिकारी न्यायालय के आदेश के बावजूद महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे रहे।
पीठ ने कहा, “हम पूर्व याचिका के साथ इस याचिका पर भी अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।” इससे पहले बुधवार को एक अन्य महिला, फातिमा इसी तरह की याचिका के साथ न्यायालय पहुंची थी।
पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल सितंबर में दिए गए फैसले में केरल के सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। पीठ ने कहा था कि शारीरिक संरचना के आधार पर भेदभाव करना समानता के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।