1984 सिख विरोधी दंगे: हाईकोर्ट ने पलटा फैसला, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा

By स्वाति सिंह | Published: December 17, 2018 10:50 AM2018-12-17T10:50:06+5:302018-12-17T10:58:12+5:30

दिल्ली छावनी के राजपुर में हुई हिंसा के एक मामले में पांच लोगों की मौत से जुड़े इस केस में अप्रैल, 2013 में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।

1984 anti-Sikh riots: Congress' Sajjan Kumar has been sentenced to life imprisonment. | 1984 सिख विरोधी दंगे: हाईकोर्ट ने पलटा फैसला, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा

1984 सिख विरोधी दंगे: हाईकोर्ट ने पलटा फैसला, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा

Highlightsसज्जन कुमार को आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है। अप्रैल, 2013 में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा।

1984 के सिख-विरोधी दंगों के एक मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए पांच आरोपियों को भी दोषी करार दिया। 

सज्जन कुमार को आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली छावनी के राजपुर में हुई हिंसा के एक मामले में पांच लोगों की मौत से जुड़े इस केस में अप्रैल, 2013 में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। 

सज्जन कुमार के अलावा बलवान खोखर, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल को भी आजीवन कारावास की सजा रखी है।इसके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।निचली अदालत ने महेंद्र और किशन को तीन तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा।

बता दें कि शनिवार को न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।


पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या से जुड़े मामले में दोषी ठहराया गया था।

निचली अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी किया था लेकिन खोखर, भागमल और लाल को आजीवन कारावास की जबकि पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को तीन तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

दोषियेां ने मई 2013 में आए निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।

सीबीआई ने भी अपील दायर करते हुए आरोप लगाया था कि वे 'सुनियोजित सांप्रदायिक दंगे' और 'धार्मिक रूप से सफाया' करने में संलिप्त थे। एजेंसी और पीड़ितों ने कुमार को बरी किये जाने के खिलाफ भी अपील दायर की थी।

Web Title: 1984 anti-Sikh riots: Congress' Sajjan Kumar has been sentenced to life imprisonment.

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