महिला हॉकी के पूर्व कोच और साई में आरोप-प्रत्यारोप, कोच ने कहा- पूरी सैलरी नहीं मिली तो साई ने डेटा चोरी का आरोप लगाया
By विशाल कुमार | Published: November 4, 2021 10:13 AM2021-11-04T10:13:34+5:302021-11-04T10:24:41+5:30
कोच सोर्ड मॉरिन की अगुवाई में टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर आई थी. इसके बाद वह नीदरलैंड के एक क्लब टिलबर्ग के कोच बन गए. वहीं, साई सभी ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीमों के लिए कोचों को नियुक्त करती है.
नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी टीम के ओलंपिक में अपना अब तक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने के तीन महीने बाद भी तत्कालीन कोच सोर्ड मॉरिन को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने उनकी बकाया सैलरी का भुगतान नहीं किया है.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें 25 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की थी लेकिन वह भी अभी तक नहीं दी गई है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मॉरिन ने इसके लिए ओलंपिक के दौरान टूट गए लैपटॉप को माना है जिसे उन्होंने अभी तक वापस नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वह लैपटॉप वापस करने वाले हैं.
हालांकि, मॉरिन के आरोपों पर पलटवार करते हुए साई ने उन पर डेटा चोरी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर उन्होंने लैपटॉप वापस नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हॉकी इंडिया ने कहा कि लंबित सैलरी पर मरिज्ने की टिप्पणी भारतीय खेल प्रशासन की एक बुरी छवि पेश करने का एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास था और दावा किया कि कोच पर केवल 1,800 अमेरीकी डालर (करीब 1.44 लाख रुपये) की शेष राशि बकाया है.
बता दें कि, मॉरिन की अगुवाई में टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर आई थी. इसके बाद वह नीदरलैंड के एक क्लब टिलबर्ग के कोच बन गए.
वहीं, साई सभी ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीमों के लिए कोचों को नियुक्त करती है.