टोक्यो ओलंपिक: ब्रिटेन ने भारतीय महिला टीम को 4-3 से हराया, महिला हॉकी में मेडल का सपना टूटा
By विनीत कुमार | Published: August 6, 2021 08:51 AM2021-08-06T08:51:26+5:302021-08-06T09:10:28+5:30
टोक्यो ओलंपिक: भारतीय महिला हॉकी टीम शुक्रवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्रिटेन से 3-4 से हार गई। इससे पहले कल भारती पुरुष टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था।
टोक्यो: भारतीय महिला हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन से हार का सामना करना पड़ा है। ब्रिटेन ने इस मुकाबले में भारत को 4-3 से हराया। इसी के साथ भारतीय महिला हॉकी टीम के ओलंपिक में पहली बार पदक जीतने का सपना भी टूट गया। हालांकि शुक्रवार को खेले गए इस मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी लेकिन कुछ अहम मौकों पर हुई गलतियां उस पर भारी पड़ी।
इस मुकाबले में भारत की ओर से गुरजीत कौर ने पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे। वहीं वंदना कटारिया ने एक गोल किया। ब्रिटेन के लिये एलेना रायेर ने 16वें, साारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे।
इससे पहले महिला हॉकी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 मॉस्को ओलंपिक में रहा था। भारतीय महिला टीम उस समय छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। ओलंपिक के उस चरण में महिला हॉकी का पदार्पण हुआ था और तब यह राउंड रोबिन के आधार पर खेला गया था। वहीं, कल ही पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद ओलंपिक खेलों में हॉकी के पदक पर कब्जा किया था।
भारत के खिलाफ पहले ग्रेट ब्रिटेन ने बनाई बढ़त
मैच के पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी लेकिन दूसरे क्वार्टर में कुल पांच गोल हुए। मैच का पहला गोल ग्रेट ब्रिटेन की ओर से हुआ। 16वें मिनट में एलिना रेयर ने गोल कर ब्रिटेन की भारतीय टीम पर 1-0 की बढ़त कायम कर दी। इसके बाद भारत को 20वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि इसका फायदा टीम नहीं उठा सकी।
स्कोर को बराबरी पर लाने की भारतीय टीम की कोशिश को 24वें मिनट में एक बार फिर झटका लगा। ग्रेट ब्रिटेन की सारा रोबर्टसन ने गोल कर ब्रिटेन को 2-0 से आगे कर दिया। इससे ठीक एक मिनट पहले भारतीय खिलाड़ी निशा को मिले ग्रीन कार्ड की वजह से उन्हें दो मिनट के लिए मैदान से बाहर जाना पड़ा था।
भारतीय टीम ने दागे चार मिनट में तीन गोल
बहरहाल, दूसरा गोल खाने के बाद भारतीय महिलाओं ने आक्रमण तेज किया और उन्हें 25वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला। ब्रिटेन ने इसे तो बचा लिया लेकिन भारत को एक बार फिर पेनल्टी कॉर्नर का मौका मिला और इस बार गुरजीत कौर ने कोई गलती किए बिना गेंद को गोल पोस्ट के अंदर पहुंचा दिया।
भारत को 26वें मिनट में फिर गोल मिला। सलीमा टेटे की बदौलत ये पेनल्टी कॉर्नर भारत के खाते में आया और गुरजीत ने इसे भी गोल में बदलकर भारतीय खेमे में रोमांच भर दिया। अब बारी वंदना कटारिया की थी। ब्रिटेन इन दो झटकों से उबर पाता इससे पहले ही 29वें मिनट में उन्होंने गोल कर भारत को हाफ टाइम तक 3-2 से आगे कर दिया।
तीसरे और चौथा क्वार्टर में ब्रिटेन ने किया गोल
इसके बाद तीसरे क्वार्टर और खेल के 35वें मिनट में ब्रिटेन की ओर से पर्ने वेब हूली ने गोल कर स्कोर बराबर किया। अगले ही क्वार्टर में बेल्डसन ग्रेस (48वां मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर एक और गोल कर ब्रिटेन क 4-3 की बढ़त दिला दी। इसके बाद भारतीय टीम बराबरी नहीं कर सकी और मैच गंवा बैठी।
बताते चलें कि भारतीय महिला टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था लेकिन 2016 रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटेन को हरा नहीं सकी जिससे कांस्य के करीब आकर चूक गई।