'सूरमा' की रिलीज से पहले जानिए संदीप सिंह की कहानी, जिसका खेल देख पाकिस्तानी गोलकीपर को हुआ 'लूज मोशन'

By विनीत कुमार | Published: July 11, 2018 10:06 AM2018-07-11T10:06:28+5:302018-07-11T10:06:28+5:30

भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को 2-1 से हराया। दोनों ही गोल संदीप ने दागे थे।

know all about sandeep flicker singh hockey comeback story ahead of soorma release | 'सूरमा' की रिलीज से पहले जानिए संदीप सिंह की कहानी, जिसका खेल देख पाकिस्तानी गोलकीपर को हुआ 'लूज मोशन'

Sandeep Singh

नई दिल्ली, 11 जुलाई: भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी और 'फ्लिकर सिंह' के नाम से मशहूर संदीप सिंह की बायोपिक 13 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। इसमें संदीप सिंह के हॉकी खेलने की शुरुआत से लेकर उनकी साथ हुई दुर्घटना और फिर तमाम चुनौतियों को मात देते हुए भारतीय टीम में वापस जगह बनाने की कहानी है। 

साल 2004 में अपने इंटरनेशनल हॉकी करियर की शुरुआत करने वाले संदीप वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के साथ रवाना होने से 2 दिन पहले 22 अगस्त 2006 को शताब्दी एक्सप्रेस में गलती से गोली चलने से गंभीर रूप से घायल हो गए। पीठ में गोली लगने के बाद संदीप पैरालाइज हो गए और दो साल तक मैदान पर नहीं आए। हॉकी छूट चुका था लेकिन संदीप हार नहीं माने। इसके बाद उन्होंने अपनी हिम्मत और जज्बे के बल पर वापस भारतीय टीम में जगह बनाई और भारतीय टीम की कमान संभाली।

पाकिस्तान के खिलाफ जब 2009 में संदीप ने किया हैरान

संदीप 2008 में इंटरनेशनल हॉकी में कदम रख चुके थे और सुलतान अजलान शाह कप में उन्होंने 8 गोल दागे। इसके बाद उन्हें भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। साल 2009 नें भारतीय टीम ने उनकी कप्तानी में यह टूर्नामेंट खेला। टीम सेमीफाइनल में पहुंची जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान से था।

भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को 2-1 से हराया। दोनों ही गोल संदीप ने दागे थे लेकिन इस मैच की दिलचस्प कहानी कुछ और है। दरअसल, उस मैच में पाकिस्तान को दो गोलकीपरों का इस्तेमाल करना पड़ा। आमतौर पर हॉकी में ऐसा होता नहीं और जो गोलकीपर मैदान पर मैच शुरू होने के साथ उतरता है, वही आखिर तक रहता है। इस मैच में लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान को हाफ-टाइम के बाद दूसरा गोलकीपर उतारना पड़ा था।

पाकिस्तान के गोलकीपर को हुआ 'लूज मोशन'

संदीप ने खुद ही इसका खुलासा करते हुए बताया कि उस मैच में पाकिस्तान के गोलकीपर सलमान अकबर थे। वह उस समय दुनिया के नंबर-एक गोलकीपर थे। जाहिर है पाक टीम उन्हीं के साथ सेमीफाइनल में पहले उतरी लेकिन हाफ टाइम के बाद उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा। मैच खत्म होने के बाद पाक कोच संदीप के पास आए और कहा- 'संदीप तुम कैसी फ्लिक करने लग गए हो कि हमारे गोलकीपर को लूज मोशन हो जाता है तुम्हारे नाम से।'  

संदीप को उनके शानदार खेल के लिए बाद में 2010 में अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया। उन्होंने 2012 में भी भारत का लंदन ओलंपिक में प्रतिनिधित्व किया। 

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