इस हॉकी प्लेयर ने ओलंपिक में जिताया 3 गोल्ड मेडल, ध्यानचंद से होती है तुलना
By सुमित राय | Published: February 6, 2018 12:12 PM2018-02-06T12:12:31+5:302018-02-06T12:20:03+5:30
बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' में 1948 में ओलंपिक में आजाद भारत के पहले गोल्ड मेडल जीतने की कहानी को दिखाया गया है।
बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। फिल्म में 1948 में ओलंपिक में आजाद भारत के पहले गोल्ड मेडल जीतने की कहानी को दिखाया गया है। अक्षय कुमार इस फिल्म में हॉकी कोच की भूमिका में हैं। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं 1948 में भारतीय टीम के सदस्य रहे महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के बारे में।
1948 से लेकर 1956 तक लगातार तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम के सदस्य और कप्तान रहे बलबीर सिंह अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ में रहते हैं। 2012 लंदन ओलंपिक कमेटी ने 16 आइकोनिक प्लेयर चुने थे जिसमें से भारत से सिर्फ बलबीर सिंह सीनियर का नाम था। उन्हें लंदन में विशेष तौर पर बुलाया गया और रॉयल ओप्रा हाउस में इन सभी 16 खिलाड़ियों के बारे में एक प्रदर्शनी लगाई थी।
1948 ओलंपिक में शामिल भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे बलबीर सिंह सीनियर के नाम एक ऐसा ओलंपिक और वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जो अब तक कोई तोड़ नहीं पाया। 1952 के हेलिंसिकी ओलंपिक के फाइनल में कुल 6 गोल हुए थे, जिसमें से बलबीर सिंह ने अकेले 5 गोल दागे थे, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
अपने समय में बेस्ट सेंटर फॉरवर्ड प्लेयर बलबीर सिंह ने साल 1956 में बतौर कप्तान टीम को ओलंपिक गोल्ड दिलवाया था। इसके बाद साल 1957 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया था और यह अवॉर्ड पाने वाले ये पहले खिलाड़ी थे।
खेल से रिटायरमेंट के बाद बलबीर सिंह को भारतीय हॉकी टीम का कोच बनाया गया। साल 1961 से 1982 तक उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने कुल 7 टूर्नामेंट खेले और कई पदक हासिल किए। भारत ने 1975 में उनकी कोचिंग ने पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड कप जीता था।
साल 1982 में बलबीर सिंह ने बतौर कोच भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में कांस्य पदक दिलाया था। इसके बाद से भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में कोई भी पदक जीतने में नाकाम रही है। इसी साल दिल्ली में हुए एशियन गेम्स में भी भारतीय टीम ने सिल्वर मेडल हासिल किया था।