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'आयुष्मान भारत' की तरह इस स्वास्थ्य योजना से फ्री इलाज के लिए मिलेंगे 2 लाख रुपये, ऐसे उठायें फायदा

By उस्मान | Updated: February 12, 2019 11:53 IST

राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत उन मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं और गंभीर जानलेवा बीमारियों का इलाज कराना चाहते हैं।

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भारत में गरीबों के इलाज के लिए कई स्वास्थ्य योजनाओं पर काम हो रहा है। ऐसी ही एक बड़ी स्वास्थ्य योजना 'भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)' (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) है जिसे 'आयुष्मान भारत योजना' (Ayushman Bharat Yojana) के नाम से जाना जाता है। इसे नरेंद्र मोदी की बाजपा सरकार ने पिछले साल यानी 2018 में शुरू किया था। बहुत से लोग फ्री इलाज और 5 लाख रुपये तक का बीमा देने वाली इस योजना के बारे में तो जानते हैं लेकिन कई सालों से चली आ रही इस तरह की अन्य योजनाओं के बारे में नहीं जानते। हम आपको देश में चल रही इस तरह की एक खास स्वास्थ्य योजना के बारे में बता रहे हैं।  

राष्ट्रीय आरोग्य निधि (Rashtriya Arogya Nidhi (RAN)देश में यह योजना साल 1997 से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चल रही है। इस योजना के तहत उन मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं और गंभीर जानलेवा बीमारियों का इलाज कराना चाहते हैं। इस योजना ते तहत वे किसी भी सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल / संस्थानों में चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि उस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को प्रेषित की जाती है जिसमें रोगी का इलाज चल रहा हो।

किस तरह का फायदा दे सकती है ये योजनादिशा-निर्देशों के अनुसार, निर्धन लोगों को सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पतालों / संस्थानों सहित सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। 

ऐसे उठायें इस योजना का लाभराष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए रोगी को डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है:

1) एक आवेदन पत्र के साथ जिस अस्पताल में आपका उपचार चल रहा है वहां के सभी पर्चे और चिकित्सा अधीक्षक द्वारा लिखित एक लेटर की जरूरत होती है। 2) आय प्रमाण पत्र की कॉपी 3) राशन कार्ड की कॉपी4) 13 केंद्र सरकारी अस्पतालों / संस्थानों में रिवॉल्विंग फंड स्थापित किए गए हैं और सभी अस्पतालों में 50 लाख रुपये तक का फंड उपचार के लिए रखा जा ता है। एम्स में यह फंड 90 लाख रुपये है। हर मामले के लिए 2 लाख रुपये तक का फंड खर्च किया जा सकता है। 5) 2 लाख रुपये से अधिक के उपचार में शामिल मामलों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को धन उपलब्ध कराने के लिए संदर्भित किया जाता है।

इन अस्पतालों में चल रही है राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजनादिल्ली एम्स, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग, एलएचएफसी और सुचेता कृपलानी अस्पताल, चंडीगढ़ के पीजीआईएमआर, पुडुचेरी के जेआईपीएमईआर, बेंगलूरु के निमहंस अस्पताल, कोलकाता के सीएनसीआई, लखनऊ के एसजीपीजीआईएमएस और गाँधी मैमोरियल एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, इम्फाल के आरआईएमएस और शिलांग में। 

इस बात का रखें ध्यानअगर आप भारत सरकार की योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए आप भारत सरकार की वेबसाइट https://mohfw.gov.in पर जा सकते हैं। इस योजना के बारे में ज्यादा समझने के लिए आप https://mohfw.gov.in/sites/default/files/RAN_Guideline_2019.pdf पर क्लिक कर सकते हैं। 

टॅग्स :नरेंद्र मोदीहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंटएम्स
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