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नसों को साफ करके ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं ये 10 योगासन, हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा होता है कम

By उस्मान | Updated: November 5, 2019 16:41 IST

ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो, तब ही आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। इसके प्रभावित होने से डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ता है।

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ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने से शरीर सेहतमंद रहता है। अगर शरीर में रक्त संचार यानी ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो, तब ही आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। इसके प्रभावित होने से डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ता है। रोजाना पांच लीटर से ज्यादा खून पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है, यही ब्लड सर्कुलेशन आपके पूरे शरीर को ठीक से काम करने में मदद करता है।  

ब्लड के जरिेए शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन, पोषक तत्वों और मिनरल्स का संचार होता है, जिससे शरीर के सभी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं। एक्सरसाइज नहीं करना, देर तक बैठे रहना, स्‍मोकिंग, शराब का सेवन, फास्ट फूड और मसालेदार चीजों के अधिक सेवन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बुरी तरह प्रभावित होता है।

ब्लड सर्कुलेशन सही रहने से आपको हृदय रोग, स्ट्रोक और खून का थक्का आदि समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। ब्लड सर्कुलेशन खराब रहने से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित होता है। योग का अभ्यास आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। 

कुछ योगासन शारीरिक संतुलन बनाएं रखने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इन योगासन को करने से आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हार्ट डिजीज से बचने में मदद मिल सकती है, चलिए जानते हैं कौन-कौन से योग है। 

1) ताड़ासन

इससे फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है और उन्हें मजबूती मिलती है। यह गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण के दौरान भी फायदेमंद है। ब्रीदिंग टेक्निक से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। 

2) त्रिकोणासन

इससे ना केवल ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है बल्कि ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है और कब्ज से भी राहत मिलती है। इसे गर्भावस्था में भी ट्राई किया जा सकता है।

3) एकपद राजकपोतासन

इस आसन को करने से पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। यह रक्त के प्रवाह को तेज करता है और इस तरह आंतरिक अंगों को भी उत्तेजित करता है।

4) सर्वांगासन

इससे पूरे शरीर के कामकाज में सुधार होता है और यह श्वसन प्रणाली की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। यह ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति बढ़ाकर रीढ़ की हड्डी का पोषण करता है।

5) उष्ट्रासन

वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतर मुद्रा है। इससे ऑक्सीजन के परिसंचरण में मदद मिलती है और गर्भाशय में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है।

6) शशांकासन

इससे शरीर के ऊपरी हिस्से को स्ट्रेच मिलता है और चिंता से राहत मिलती है। यह आपको शांत रखता है और शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है। 

7) मूर्धानासन

इससे हार्मोनल असंतुलन से राहत मिलती है और यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर आपके चेहरे पर ग्लो लाता है और आपको जवां रखता है। 

8) सेतुबंध आसन

सेतुबंध आसन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार बहुत हद तक ब्रिज के समान है। यह पीठ के बल पर लेट कर किए जाने वाले महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। सेतुबंध आसन कमर दर्द, थायराइड, डिप्रेशन के साथ आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत कारगर है। 

9) पवन मुक्तासन

पवन मुक्तासन का अर्थ होता है पवन या हवा को मुक्त करना। जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारे पेट से गैस और कब्ज के कारण जो वायु जमा होती है वो आसनी से बाहर निकल जाती है।

10) नौकासन

इस आसन से भी पेट के समस्त अंगो को बल प्रदान करता है जिसके फलस्वरूप पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह शरीर में इकट्ठे हुए तनाव को कम करता है तथा पीठ को सुदृढ़ करता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुंचाता है।

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