कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों को ही खराब नहीं करता है बल्कि यह लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है। कई अध्ययन इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि कोविड-19 सीधे तौर पर लीवर को प्रभावित कर रहा है। पिछले साथ महीनों में डॉक्टरों ने लगभग 60 फीसदी ऐसे मामले देखे हैं जिनमें मरीजों में लीवर से जुड़ी समस्याएं पाई गई हैं। कोरोना के खिलाफ जारी दिशा-निर्देशों में लीवर की समस्याओं से पीड़ित लोगों को इस दौरान विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, ऐसे बुजुर्ग जो पहले से ही किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं जिसमें लीवर से जुड़े रोग भी शामिल हैं, उन्हें इस वायरस से गंभीर रूप से बीमार होने का अधिक खतरा होता है। यदि आपको लीवर से जुड़ा कोई रोग है, तो आपको कोरोना के जोखिम को कम करने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
अन्हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के कारण लीवर से जुड़े रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, 325 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और सी के साथ जी रहे हैं जोकि लीवर की बीमारी है। हेपेटाइटिस बी वायरस के संक्रमण से प्रति वर्ष 900,000 मौतें होती हैं। 10 फीसदी लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं और 19% लोग अपने हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं
खराब खराब खान-पान की वजह से धीरे-धीरे लीवर में गंदगी जमा हो जाती है जिससे लीवर के कामकाज प्रभावित हो सकता है। लीवर में जब गंदगी जमा होना शुरू होती है, तो शरीर इसके कुछ संकेत हमें देता है। आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप समझ सकते हैं कि आपका लिवर खराब हो रहा है।
लीवर खराब होने के लक्षणलीवर खराब होने और उसके कामकाज प्रभावित होने के लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, तेजी से वजन बढ़ना, हमेशा थकान महसूस होना आदि शामिल हैं। ऐसे संकेत मिलते ही आपको अपने खान-पान में बदलाव करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
लीवर को साफ करने के लिए इन चीजों का करें सेवनलहसुनकई शोध में इस बात का जिक्र है कि लहसुन फैटी लीवर की बीमारी के लिए फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए, 2016 के एक अध्ययन से पता चला है कि लहसुन पाउडर की खुराक फैटी लीवर वाले लोगों में शरीर के वजन और वसा को कम करती है। लहसुन का खाने के साथ-साथ सदियों से दवा के रूप मेंभी इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन का उपयोग खांसी और सर्दी, हाई कोलेस्ट्रॉल इत्यादि सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
सागहरी सब्जियां जैसे ब्रोकोली, पालक, केल और ब्रसेल्स स्प्राउट्स, आदि खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। चूहों में किए गए अध्ययन से पता चला है कि ब्रोकोली लीवर में फैट के निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि मोटापा लीवर की बीमारी से जुड़ा है।
कॉफीफैटी लीवर वाले लोगों को कॉफी पीने से बड़े लाभ मिल सकते हैं क्योंकि यह लीवर में वसा के जमाव को कम करने में मदद कर सकता है। फैटी लीवर की बीमारी वाले लोगों के अध्ययन से पता चलता है कि कॉफी नहीं पीने वालों का लीवर खराब हो सकता है। ध्यान रहे कि आपको सीमित मात्रा में ही कॉफ़ी का सेवन करना चाहिए।
ग्रीन टीग्रीन टी एक स्वस्थ पेय है जो वजन कम करने में सहायक है। इसमें कैटेचिन सहित कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो फैटी लिवर रोग के साथ मदद कर सकते हैं। हालांकि यह निर्धारित करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है कि क्या ग्रीन टी लीवर में वसा के भंडारण को कम कर सकती है और उसके कामकाज को बढ़ावा दे सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि यह रक्त और पूरे शरीर में वसा को कम करने सहित कई तरह से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
अखरोटनट पोषक तत्वों का भंडार होते हैं। अखरोट जैसे ट्री नट्स ओमेगा -3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं, जो लीवर के वसा के स्तर को सुधारने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। 2015 की एक अध्ययन में बताया गया है कि अखरोट नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग वाले लोगों में सुधार करता है।
इनके अलावा आप अपनी डाइट में सेब, अखरोट, ग्रीन टी, हल्दी, हरी सब्जियां, चुकंदर, ग्रीन टी, अदरक चाय, बेरी आदि चीजों को शामिल कर सकते हैं। डॉक्टर मानते हैं कि बेहतर लाइफस्टाइल और डाइट के जरिये किडनी और लीवर को हेल्दी रखा जा सकता है। इसके लिए आप दो दिन का एक प्रोग्राम भी ट्राई कर सकते हैं। इसलिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।