हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस सांस की बीमारी के बारे में जागरूक करना है। हर साल इस दिवस की अलग-अलग थीम होती है लेकिन इस साल इसके कोई थीम तय नहीं की गई है।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा या दमा श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाता है। यह श्वास तन्त्र की ऐसी गंभीर बीमारी होती है, जिसके कारण मरीज को छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है।
एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है। एक और जहां इस रोग में रोगी को सांस बाहर निकालने में दिक्कत होती है, वहीं दूसरी और कभी-कभी सांस रुक भी जाती है। दुर्भाग्य से इस बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है।
हालांकि इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। कई लोगों को नियमित रूप से दवाएं लेने से अस्थमा के लक्षण पूरी तरह गायब हो सकते हैं लेकिन किसी बीमारी या प्रदूषण की वजह से ये लक्षण दोबारा पैदा हो सकते हैं। इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है।
कोरोना वायरस और अस्थमा
कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए अस्थमा से पीड़ित लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोना वायरस फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ऐसे में अस्थमा के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहें की जरूरत होती है। अगर आपको पहले से ही सांस की कोई बीमारी है तो आप सावधान रहें।
क्या अस्थमा के मरीजों को कोरोना का ज्यादा खतरा है?
अभी इस सन्दर्भ में सही डेटा उपलब्ध नहीं है। हालांकि एक्सपर्ट्स अस्थमा और कोरोना के बीच संबंध की पहचान कर रहे हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अस्थमा या सांस की अन्य किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को इस दौरान बहुत ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
यह भी देखा गया है कि पुरानी फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों में कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती होने का अधिक खतरा है। हालांकि यह भी देखा गया है कि कोविड से मरने वाले लोगों में अस्थमा के मरीज काफी कम थे।
क्या अस्थमा से पीड़ित लोगों को मास्क पहनना चाहिए?
कई अध्ययनों से पता चला है कि कई लोगों में लक्षणों के बिना भी कोविड-19 हो सकता है। सीडीसी अब सिफारिश करता है कि हर कोई एक कपड़े का मास्क पहन सकता है। अस्थमा के मरीज भी स्कार्फ, बंदन या कपड़े से अपना कवर बना सकते हैं।
यदि अस्थमा से पीड़ित लोगों में बुखार और खांसी के लक्षण हैं, तो क्या करना चाहिए?
अपने अस्थमा का इलाज करें जैसा कि आपके डॉक्टर ने आपको बताया है, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। उन्हें अपनी बीमारी के बारे में बताएं। वे आपसे आपकी बीमारी के बारे में कुछ सवाल पूछेंगे जो उन्हें यह तय करने में मदद करेंगे कि क्या आपको उनके पास जाना चाहिए या आपातकालीन विभाग में जाना चाहिए या घर पर रहना चाहिए। यदि संभव हो तो बुखार होने पर काम या किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, ताकि आप अपनी बीमारी न फैलाएं
क्या अस्थमा के मरीजों को कोरोना संकट में नोजल स्टेरॉयड स्प्रे का उपयोग बंद कर देना चाहिए?
आप नोजल स्प्रे का उपयोग करना जारी रख सकते हैं। उन्हें हवा में कणों को जारी करने का उपयोग करने का जोखिम कम है, छींकने की तुलना में कम है। अपने नोजल स्प्रे का उपयोग करने के बाद टिप को टिश्यू से साफ करें। टिश्यू को दूर फेंक दें और कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। अपने नाक के स्प्रे को किसी के साथ साझा न करें।
क्या एंटीथिस्टेमाइंस आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा देता है और आपको वायरस का खतरा अधिक होता है?एंटीहिस्टामाइन प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाते नहीं हैं। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि वे वायरस या बैक्टीरियल संक्रमण होने की संभावना को बढ़ा देंगे।
अस्थमा अटैक के कारण
अस्थमा के लक्षणों में धूल और वायु प्रदूषण, सर्द-गर्म की समस्या, मौसम में बदलाव , इन्फेक्शन, ठंडी चीजों का सेवन, एलर्जी, परागकण, जेनेटिक कारण, मानसिक तनाव, जानवरों की डेड स्किन, स्मोकिंग और शराब का सेवन शामिल हैं।
अस्थमा के प्रकार
अस्थमा की बीमारी को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला है विशिष्ट, इसमें अस्थमा एलर्जी के कारण होता है जबकि गैर विशिष्ट में एक्सरसाइज, मौसम के प्रभाव या जेनेटिक के कारण होता है।
अस्थमा के लक्षण
सांस लेने में परेशानी अस्थमा का पहला लक्षण है। अस्थमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खांसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है। नीचे बताए गए लक्षणों में से अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- सांस लेने में परेशानी - सीने में जकड़न - सांस लेते समय घरघराहट महसूस होना- सांस लेते हुए पसीना आना - बेचैनी महसूस होना- सिर में भारीपन महसूस होना - सांस लेने के कारण थकावट होना
अस्थमा के मरीज इन बातों का रखें ध्यान
- हमेशा अपने पास इन्हेलर रखें- हमेशा घर को साफ रखें - धूल-मिटटी से बचें - ऐसी चीज ज्यादा दिन तक न रखें जिसमें धूल जमें- एक्सरसाइज और योग से खुद को शांत रखें- मुंह से सांस ना लें
गर्मियों में अस्थमा अटैक से ऐसे बचें
- गर्मियों में एलर्जी बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहें - धूप में बाहर जाने से पहले इन्हेलर साथ लेकर जाएं - रात में खिड़कियां खोलकर ना सोयें
अस्थामा अटैक आने पर क्या करें
- सीधे खड़े हो जाएं, लेटे ना रहें- घबराएं नहीं, शांत रहने की कोशिश करें - लंबी सांस लें - डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा लें - ढीले कपड़ें पहनें - कुछ गर्म चीज पिएं