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सावधान! सर्दियों में कहीं आपके हाथ-पैरों का रंग तो नहीं बदल रहा? इस गंभीर बीमारी के हैं लक्षण

By उस्मान | Updated: December 9, 2019 12:34 IST

सर्दियों में अगर अक्सर आपको अपने हाथ सफेद नजर आते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

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ठळक मुद्देरेनॉड सिंड्रोम नामक रोग का प्रकोप सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता हैइससे पैर की उंगलियों और शरीर के अन्य हिस्से सफेद या नीले रंग में बदल जाते हैं

धूल-मिटटी या किसी सफेद पाउडर, कलर आदि के संपर्क में आने से आपके हाथ सफेद नजर आ सकते हैं। कई बार ठंड की वजह से भी हाथों का कलर सफेद दिख सकता है। लेकिन अगर आपको अपने हाथ अक्सर सफेद नजर आते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि यह लक्षण एक गंभीर रोग का हो सकता है, जिसे रेनॉड (Raynaud) की बीमारी कहा जाता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। 

रेनॉड सिंड्रोम नामक रोग का प्रकोप सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता है। वैसे तो इस बीमारी की रोकथाम संभव है, लेकिन अगर कोई शख्स किन्हीं कारणों से इस रोग से ग्रस्त हो ही गया, तो इसका समुचित इलाज संभव है।

ऐसा माना जाता है कि इस रोग की संभावना उन लोगों में भी होती है, जो चक्करदार गतिशील उपकरणों का बहुत इस्तेमाल करते हैं। जैसे ड्रिलिंग मशीन, मिक्सी व ब्यूटी पार्लर में काम आने वाला हेयर ड्रायर। पियानो, हारमोनियम व टाइपिंग मशीन पर ज्यादा समय बिताने वाले लोग भी रेनाड्स रोग से ग्रस्त हो सकते हैं।

रेनॉड की बीमारी क्या होती है?

हेल्थ वेबसाइट वेबएमडी के अनुसार, जब यह बीमारी होती है, तो धमनियां ठंडे तापमान या तनाव के कारण आपकी त्वचा को रक्त की आपूर्ति करती हैं। इसकी वजह से आपके हाथ, पैर की उंगलियों और कभी-कभी आपके शरीर के अन्य हिस्से सफेद या नीले रंग में बदल जाते हैं और सुन्न महसूस करते हैं। हालांकि रक्त प्रवाह वापस आने पर वे लाल हो जाते हैं। यह प्रक्रिया दर्द के साथ भी हो सकती है। लक्षण आमतौर पर केवल कुछ सेकंड या मिनट तक रहता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह लक्षण कई घंटों तक रह सकते हैं।

रेनॉड की बीमारी के कारण

रेनॉड दो प्रकार हैं, पहला है रेनॉड डिजीज और दूसरा है रेनॉड सिंड्रोम। रेनॉड का कारण अज्ञात है लेकिन जब किसी को रेनॉड डिजीज होती है, तो उसकी वाहिकाएं सामान्य से अधिक और तेजी से सिकुड़ जाती हैं। हालाँकि रेनॉड सिंड्रोम होना अधिक सामान्य है और इसके लिए अक्सर किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। रेनॉड सिंड्रोम कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे त्वचा के घाव और गैंग्रीन। इसके इलाज के लिए कभी-कभी दवा या सर्जरी की आवश्यकता होती है।

रेनॉड डिजीज के लक्षण

रेनॉड सिंड्रोम आमतौर पर उंगलियों और पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों, जैसे नाक, कान, होंठ, और निप्पल को भी प्रभावित कर सकता है। ठंड या तनाव के कारण, धमनियां संकीर्ण हो सकती हैं और कुछ क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को कम हो सकती हैं। ऐसा होने से उस हिस्से का सफेद और फिर नीला होना, ठंड, सुन्न या दर्द महसूस होना, रक्त प्रवाह वापस आने पर लाल, झुनझुनी या जलन होना आदि शामिल हैं। 

रेनॉड डिजीज से बचने के उपाय

- रेनॉड की बीमारी के हमले को रोकने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए - ठंडे तापमान से बचें और गर्म कपड़े पहनें, खासकर अपने हाथों और पैरों पर को कवर रखें - नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे परिसंचरण में सुधार होता है - कैफीन और शराब के उपयोग को सीमित करें- अपनी उंगलियों पर बहुत अधिक दबाव डालने से बचें- धूम्रपान बंद कर दें - भावनात्मक तनाव से बचें और इसे मैनेज करना सीखें

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