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कोरोना संकट के बीच यहां फैला इबोला वायरस का प्रकोप, 5 की मौत, जानें इबोला के कारण, लक्षण, बचने के उपाय

By उस्मान | Updated: June 2, 2020 09:04 IST

कोरोना वायरस, प्लेग और खसरा की मार झेल रहे इस देश के लिए यह नया संकट मुसीबत पैदा कर सकता है

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ठळक मुद्देकांगो में इबोला वायरस के एक ताजा प्रकोप में कुल नौ मामले दर्ज किए गए हैंपूर्वी हिस्से में 2018 में शुरू हुए इस प्रकोप को खत्म करने के लिए संघर्ष कर रहा है

कोरोना वायरस, प्लेग और खसरा की मार झेल रहे अफ्रीका में अब इबोला वायरस ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। यूनिसेफ ने कहा कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इबोला वायरस के एक ताजा प्रकोप में एक 15 वर्षीय लड़की सहित पांच लोगों की मौत हो गई है और कुल नौ मामले दर्ज किए गए हैं।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में इस देश में इबोला के मामले मिले थे, लेकिन इस बार नए केस जहां ये बीमारी फैली थी उससे एक हज़ार से अधिक किलोमीटर दूर मिले हैं और ये नया क्लस्टर होने की आशंका जाहिर की गयी है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो अभी भी देश के पूर्वी हिस्से में 2018 में शुरू हुए इस प्रकोप को खत्म करने के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां इस वायरस के 3,406 मामले सामने आए हैं जिसमें 2,243 मौतें हुई हैं।

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने ट्वीट कर खबर दी थी कि देश के उत्तर-पश्चिमी समान प्रांत में माण्डाका में छह मामले सामने आए हैं। यह देश के संभावित घातक वायरस का 11 वां प्रकोप है, जो शारीरिक तरल पदार्थों से गुजरता है और इस खतरनाक वायरस की मृत्यु दर 25% से 90% के बीच है।

इबोला क्या है (What is Ebola Virus Disease)

इबोला एक घातक वायरस है जो बुखार, शरीर में दर्द और दस्त का कारण बनता है। इसकी वजह से कभी-कभी शरीर के अंदर और बाहर रक्तस्राव भी हो सकता है। जैसे ही वायरस शरीर में फैलता है, यह प्रतिरक्षा प्रणाली और अंगों को नुकसान पहुंचाता है। अंततः, यह रक्त के थक्के बनाने वाली कोशिकाओं के स्तर को गिरा देता है। इससे गंभीर, बेकाबू रक्तस्राव होता है। इस बीमारी को इबोला रक्तस्रावी बुखार के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसे इबोला वायरस कहा जाता है। webmd के अनुसार, इस वायरस से पीड़ित लगभग 90 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।

इबोला के कारण (Causes of Ebola Virus Disease)

इबोला सर्दी, इन्फ्लूएंजा या खसरे जैसा आम वायरस नहीं है। यह बंदर, चिंपांजी या फ्रूट बैट आदि संक्रमित जानवर की त्वचा या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से लोगों में फैलता है। फिर यह उसी तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर बढ़ता है। यह उनमें भी फैल सकता है, जो किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करते हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को दफनाते हैं जिनकी इस बीमारी से मृत्यु हो गई है। इसके अलावा दूषित सुइयों या सतहों को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है।

इबोला के लक्षण (Symptoms of Ebola Virus Disease)

इबोला वायरस की चपेट में आने से आपको 2 से 21 दिनों तक फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इनमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द, दुर्बलता, पेट दर्द और भूख की कमी आदि शामिल हैं। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, शरीर के अंदर रक्तस्राव का कारण बनता है, साथ ही आंख, कान और नाक से भी खून आ सकता है।  कुछ लोगों को खून की उल्टी या खांसी में खून, खूनी दस्त जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।

आप इबोला को कैसे रोक सकते हैं (How Can You Prevent Ebola)

इबोला को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है। बीमारी को पकड़ने से बचने का सबसे अच्छा तरीका उन क्षेत्रों की यात्रा नहीं करना है जहां वायरस पाया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में खासकर आपको चमगादड़, बंदर, चिंपांज़ी और गोरिल्ला के संपर्क से बचें क्योंकि ये जानवर इबोला को लोगों में फैलाते हैं। इसके अलावा मरीज के इलाज के दौरान डॉक्टर मास्क, दस्ताने और काला चश्मा जरूर पहनें। 

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