महंगे एयर प्यूरीफायर और गमले नहीं, ये चीज तेजी से कम करती है वायु प्रदूषण, मिलेगी शुद्ध हवा

By उस्मान | Published: November 9, 2019 07:02 AM2019-11-09T07:02:42+5:302019-11-09T07:02:42+5:30

गमलों में लगे पौधों से घर के भीतर की वायु की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती, कारखानों एवं प्रदूषण फैलाने वाले अन्य स्रोतों के पास लगे वृक्षों से बाहरी वायु प्रदूषण कम होता है।  

tips to reduce air pollution : study revel trees can decreased air pollution fast | महंगे एयर प्यूरीफायर और गमले नहीं, ये चीज तेजी से कम करती है वायु प्रदूषण, मिलेगी शुद्ध हवा

महंगे एयर प्यूरीफायर और गमले नहीं, ये चीज तेजी से कम करती है वायु प्रदूषण, मिलेगी शुद्ध हवा

दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर बना हुआ है। इस वजह से लोगों को आंख और सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा का अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। 

इस बीच दो वैश्विक अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि गमलों में लगे पौधों से घर के भीतर की वायु की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती तथा कारखानों एवं प्रदूषण फैलाने वाले अन्य स्रोतों के पास लगे वृक्षों से बाहरी वायु प्रदूषण कम होता है।  

पेड़ पौधौं से वायु प्रदूषण में 27 प्रतिशत की कमी

इस अध्ययन में बात पता चली कि कारखानों और प्रदूषण फैलाने वाले अन्य स्रोतों के आसपास लगे पेड़ पौधौं से वायु प्रदूषण में औसत 27 प्रतिशत की कमी आ सकती है। अमेरिका के ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय द्वारा किये गए एक अन्य अध्ययन में यह कहा गया कि वायु गुणवत्ता में सुधार की क्षमता के दावे को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है।

ड्रेक्सेल कालेज आफ इंजीनियरिंग के एक एसोसिएट प्रोफेसर माइकल वारिंग ने एक बयान में कहा, 'कुछ समय से यह एक आम गलत धारणा रही है। पौधे अच्छे होते हैं, लेकिन वास्तव में वे घर के भीतर की वायु को उतनी तेजी से स्वच्छ नहीं करते जिससे कि आपके घर या कार्यालय के वातावरण पर कोई प्रभाव हो।' 

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दशकों तक हुए उन अनुसंधानों पर गौर किया गया जिनमें कहा गया था कि घर या कार्यालय में गमलों में लगे पौधों से वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इससे यह बात सामने आयी कि वायु को साफ करने के मामले में प्राकृतिक वायु संचार पौधों को पीछे छोड़ देता है। 

विश्व के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर भारत में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार विश्व के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर भारत में हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक वर्ष में कई बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' या 'बेहद गंभीर' श्रेणी में चला जाता है।

वारिंग और उनके एक छात्र ब्रायन क्यूमिंग्स ने 30 वर्ष के दौरान हुए एक दर्जन अध्ययनों की समीक्षा करके अपने निष्कर्ष निकाले और यह जर्नल आफ एक्सपोजर साइंस एंड एन्वायर्नमेंटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ। 

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार औद्योगिक स्थलों, सड़कों, ऊर्जा संयंत्रों, वाणिज्यिक बायलर्स और तेल एवं गैस ड्रिलिंग साइट के पास वायु साफ करने के लिए पेड़ पौधे प्रौद्योगिकी से सस्ते विकल्प हो सकते हैं।

प्रदूषण से है इन गंभीर समस्याओं का खतरा

गौरतलब है कि यह प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने से इसका सबसे अधिक बुरा असर आंखों पर पड़ता है। इसके अलावा वायु प्रदूषण के कारण जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में में इन्फेक्शन, साइनस, अस्थमा और फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां
 हो सकती हैं।  

हवा खराब होने से सबसे ज्यादा आंखों और फेफड़ों पर असर पड़ता है। प्रदूषण ख़राब होने से कई लोगों को आंखों का सूखापन, कंजंक्टिवाइटिस, आंखों में जलन, आंखों में खुजली, आंखों का लाल होना, धुंधला दिखना और आंखों में दर्द सबसे अधिक खतरा होता है।

Web Title: tips to reduce air pollution : study revel trees can decreased air pollution fast

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