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Sushant Singh Rajput case: सुशांत सिंह राजपूत को था Bipolar Disorder, क्या है यह बीमारी, किसे और क्यों होती है, लक्षण और बचाव

By उस्मान | Updated: September 4, 2020 08:41 IST

Sushant Singh Rajput case: डॉक्टरों ने कहा है कि वो एक मानसिक बीमारी से पीड़ित थे और एक मिनट को एक दिन जैसा महसूस करते थे

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ठळक मुद्देअभिनेता अवसाद, चिंता और बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थेअभिनेता महसूस करते थे कि 'एक मिनट भी कई दिनों की तरह हैउन्होंने यह भी महसूस किया कि बाइपोलर डिसऑर्डर को कभी नहीं हरा सकते और उनके परिवार को नुकसान होगा

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले एक नै जानकारी सामने आई है। सुशांत की मौत से पहले दो मनोचिकित्सक पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि अभिनेता अवसाद, चिंता और बाइपोलर डिसऑर्डर ( Bipolar Disorder) से पीड़ित थे।

द स्टेटमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनडीटीवी द्वारा बताई गई रिपोर्ट में मुंबई पुलिस को दिए अपने बयान में डॉक्टरों में से एक ने कहा कि अभिनेता महसूस करते थे कि 'एक मिनट भी कई दिनों की तरह है। 

डॉक्टरों के बयान उनकी मौत की सीबीआई जांच का एक हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी महसूस किया कि बाइपोलर डिसऑर्डर को कभी नहीं हरा सकते और उनके परिवार को नुकसान होगा

यह भी पता चला है कि सुशांत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती लगातार उनकी मानसिक स्थिति, दवाओं और मनोचिकित्सकों को लेकर डॉक्टरों के संपर्क में थीं।

डॉक्टर ने कहा कि रिया चक्रवर्ती ने उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि वह (सुशांत) 'फिर से डिप्रेशन' में हैं, क्या दवाइयां फिर से शुरू की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने व्हाट्सएप पर एक पर्चा भेजा लेकिन अभिनेता उनसे बात करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने रिया चक्रवर्ती के फोन का उपयोग करते हुए वीडियो कॉल किया।

बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है (What is Bipolar disorder)

बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनिक डिप्रेशन भी कहते हैं। यह एक मानसिक बीमारी है। इससे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा में असामान्य और गंभीर उतार-चढ़ाव होते है। वह व्यक्ति कभी बहुत ज्यादा खुश रहने लगता है, तो कभी बहुत ज्यादा उदास हो जाता है और डिप्रेशन में चला जाता है। ऐसा कुछ दिनों या कई हफ्तों तक जारी रह सकता है।  ये दौरे बहुत जल्दी-जल्दी बदलते रहते हैं, और यहां तक कि सप्ताह में कई बार पड़ सकते हैं।

बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर सौ में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत 15 साल से 20  साल के बीच होती है और इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं। 

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण (Bipolar disorder symptoms)

अचानक बहुत ज्यादा खुश होना या उदास होनाखुश होने पर किसी को पैसे बांटनाहर पल गाना सुनते रहनाबहुत ज्यादा दोस्त बनानारात-रातभर जागना

शादीशुदा होने पर भी दूसरों की ओर आकर्षित होना  ऑफिस में या अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहनाजल्दी-जल्दी बात करनाकिसी भी बात पर ध्यान न लगानाचिड़चिड़ापन और घबराहटभविष्य के बारे में सोच कर निराशाशरीर में ऊर्जा की कमी और अपने आप से नफ़रतनींद की कमी और मन में रोने की इच्छाआत्मविश्वास की कमी लगातार बनी रहती हैमन में आत्महत्या के विचार आना अचानक वजन बढ़ना या घटना 

बाइपोलर डिसआर्डर के कई कारण (Bipolar disorder Causes)

जेनेटिक- कई रिसर्च इस बात का खुलासा करती हैं कि यह मानसिक रोग एक जेनेटिक समस्या भी है। अगर किसी की माता या पिता को यह रोग है, तो उनके बच्चों को भी यह बीमारी हो सकती है। तनाव- तनाव भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण है। जीवन में ज्यादा पैसों को लेकर तनाव या कोई दूसरा मानसिक तनाव भी इस बीमारी को जन्म दे सकता है।न्यूरोकेमिकल फैक्टर- शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर जैसे नोरेपिनफ्रीन और सेरोटोनिन में असंतुलन होना भी इसका एक प्रमुख कारण है।नशा- रिसर्च के अनुसार नशीले पदार्थ का ज्यादा सेवन करने वाले लोगो में इस बीमारी के होने का ज्यादा खतरा होता है।  

बाइपोलर डिसआर्डर का इलाज (Bipolar disorder Treatment)

नियमित रूप से दवाइयों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति को राहत मिलती है और वो जल्दी ठीक होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त नींद की जरूरत  होती है।दवाइयों के साथ रोजाना थेरेपी भी लें। इससे जल्दी राहत मिलती है। अपनी दुनिया से बाहर आएं और दूसरों के साथ बातचीत करना, घूमना-फिरना आदि की आदत बढ़ा दें। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को पूरी तरह से सहयोग करें। रोजाना एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें।

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