कम उम्र में शादी और अरेंज मैरिज के चलते ज्यादा आत्महत्या कर रही हैं भारतीय महिलाएं
By उस्मान | Published: September 14, 2018 11:11 AM2018-09-14T11:11:48+5:302018-09-14T11:11:48+5:30
लैंसेट पब्लिक हेल्थ में पेपर के मुख्य लेखक प्रो राखी दंडोना के अनुसार, युवा लड़कियों के आत्महत्या के कारणों में फैमिली/मैरिज इशू और फाइनेंसियल इशू शामिल हैं।
दुनिया भर में आत्महत्या करने वाली हर दस महिलाओं में से लगभग चार भारत से हैं। भारत में 1990 से 2016 के बीच आत्महत्या करने वाली महिलाओं में 71.2 फीसदी महिलाओं की उम्र 15 से 39 के बीच थी। लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित ग्लोब बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 1990-2016 में कहा गया है कि आत्महत्या के 63 प्रतिशत मामले भारत में सामने आये हैं। आत्महत्या करने वाले लोग 15-39 आयु वर्ग के थे।
दुनिया भर में 1990 में आत्महत्या के मामलों में भारत में यह आंकड़ा बढ़कर 25.3 फीसदी और साल 2016 तक बढ़कर 36.6 हो गया है। ठीक इसी समय में महिलाओं के बीच ऐज स्टैण्डर्ड सुसाइड डेथ रेट (एसडीआर) में 26.7 फीसदी की कमी आई है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि 1990 और 2016 के बीच आत्महत्या से होने वाली मौतों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2016 में 2,30,314 मौतें हुईं, जो दर्शाता है कि भारत में असमान रूप से आत्महत्या के अधिक मामले एक जन स्वास्थ्य संकट है। साल 2016 में, 15-39 साल की आयु की 1,45,567 युवा लड़कियों ने अपनी जान ली।
महिलाओं के आत्महत्या के कारण
लैंसेट पब्लिक हेल्थ में पेपर के मुख्य लेखक प्रो राखी दंडोना के अनुसार, युवा लड़कियों के आत्महत्या के कारणों में फैमिली/मैरिज इशू और फाइनेंसियल इशू शामिल हैं।
भारत में महिलाओं के बीच आत्महत्या की मौत के उच्चतम अनुपात में विवाहित महिलाएं ज्यादा है। इसके पीछे अरेंज मैरीज या जल्दी शादी होना है जिसके चलते लड़कियां कम उम्र में मां बन जाती हैं, घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं और आर्थिक रूप से निर्भर रहती हैं।
भारत में आत्महत्या के मामलों में 40.1 फीसदी वृद्धि हुई है। साल 1990 में यह आत्महत्या के मामलों की संख्या 1.64 लाख से बढ़कर 2016 में 2.30 लाख तक पहुंच गई है।
इन राज्यों में महिलाओं ने की सबसे अधिक आत्महत्या
कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पुरुषों तथा महिलाओं के बीच आत्महत्या की दर ऊंची रही थी। इसके अलावा केरल और छत्तीसगढ़ में पुरुषों के बीच आत्महत्या से होने वाली मृत्युदर अधिक रही।