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पेट के छालों का घरेलू इलाज : पेट के छालों को जड़ से खत्म कर सकती हैं ये 3 सस्ती चीजें, खून की कमी भी होगी दूर

By उस्मान | Updated: November 9, 2020 11:12 IST

पेट के छालों का घरेलू इलाज : छालों का सही समय पर उपचार न किया जाए, तो ये अंदर अंदर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकते हैं

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ठळक मुद्देपेट में अल्सर होना एक दर्दनाक समस्या हैगलत खान-पान से या पेट में गर्मी की वजह से होते हैं छालेलों का सही समय पर उपचार जरूरी

पेट में अल्सर होना एक दर्दनाक समस्या है। इन्हें पेट के छाले भी कहा जाता है। गलत खान-पान से या पेट में गर्मी की वजह से पेट में छाले निकल आते हैं। यह  बहुत दर्दनाक होते हैं और मरीज का खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। यह एक तरह का घाव या चोट होती है, जो पेट के अंदर बढ़ती चली जाती है। ये छाले आंत के उपरी भाग में होते हैं। 

अगर इन छालों का सही समय पर उपचार न किया जाए, तो ये अंदर अंदर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकते हैं। इलाज में देरी की वजह से ये क्रोंस डिजीज, अल्सरेटिव कोलाइटिस आदि गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। कुछ आसान घरेलू नुस्खों की मदद से इन छालों से राहत पाई जा सकती है।

अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि पेट के छाले में क्या खाना चाहिए, पेट के अल्सर की आयुर्वेदिक दवा क्या है, अल्सर होने पर क्या खा सकते हैं क्या नहीं?? हां आपको इन तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं और इससे निपटने के आसन घरेलू उपाय बता रहे हैं। 

पेट में अल्सर के लक्षण

पेट में दर्द, वजन घटना, दर्द के कारण खाने में परेशानी, उल्टी, पेट भरा हुआ महसूस करना, सूजन, सीने में जलन, एनीमिया, थकावट, सांस की तकलीफ, गहरे रंग की पॉटी, उल्टी में खूनी आना इसके लक्षणों में शामिल हैं। 

मुलेठीएक उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है। ये एक तरह के पेड़ की लकड़ी होती है जिसका स्वाद मीठा होता है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्‍तेमाल करना चाहिए। मुलेठी पेट के अल्‍सर के लिए फायदेमंद है। यह न केवल गैस्ट्रिक अल्सर बल्कि ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है। 

केलापेट के छाले के लिए केला बहुत प्रभावी होता है। केले में एंटी बैक्टीरियल गुण होते है, जो इसे बढ़ाने वाले H।pylori कंपाउंड को बढ़ने से रोकता है। केला पेट में होने वाली एसिडिटी और गैस से भी बचाता है। अल्सर के उपचार के लिए रोज 2-3 केला का सेवन करें। अगर आपको केला पसंद नहीं तो आप इसका मिल्कशेक बनाकर भी पी सकते है। 

चांगेरीयह वही घास है जिसके छोटे-छोटे हरे पत्तों को बच्चे शौक से खाते हैं और इसका स्वाद थोड़ा खट्टा होता है। चांगेरी के छोटे-छोटे पौधे आपको कहीं भी मिल जाएंगे। चांगेरी घास के पत्तों में कैरोटीन, ऑक्सालेट और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 

अगर आप पेट के छाले की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको चांगेरी का घरेलू नुस्खा आजमाना चाहिए। यह छोटे-छोटे पत्ते पेचिश से भी राहत दिलाने में बहुत लाभकारी है। 2-5 मिली चांगेरी रस को दिन में दो बार पीने से लाभ होगा।

पेट दर्द और आंतरिक जलन में 40 से 60 ग्राम चांगेरी के पत्तों के काढ़े में भुनी हुई हींग और मुरब्बा मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।

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