Stillbirth: हर साल पेट में ही मर जाते हैं 20 लाख शिशु, जानिये कारण और बचाव के तरीके

By उस्मान | Updated: October 8, 2020 16:41 IST2020-10-08T16:41:39+5:302020-10-08T16:41:39+5:30

गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने को स्टिलबर्थ कहते हैं

report says, Two million stillbirths every year, what is stillbirth, causes and prevention tips in Hindi | Stillbirth: हर साल पेट में ही मर जाते हैं 20 लाख शिशु, जानिये कारण और बचाव के तरीके

प्रेगनेंसी टिप्स

Highlightsमामले ज्यादातर विकासशील देशों से जुड़े हैंगर्भावस्‍था के 20वें हफ्ते के बीच शिशु का मर जाना स्टिल बर्थ होता हैगर्भनाल से संबंधित समस्‍या के कारण स्टिलबर्थ हो सकता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और उनके सहयोगियों ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा (स्टिलबर्थ) होते हैं और ये मामले ज्यादातर विकासशील देशों से जुड़े हैं।

स्टिलबर्थ क्या है?

एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने अथवा प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो जाने को ‘स्टिलबर्थ’ कहते हैं।

गर्भावस्‍था के 20वें हफ्ते के बीच शिशु का मर जाना स्टिल बर्थ होता है। 20वें हफ्ते से पहले गर्भ गिरने को आमतौर पर मिसकैरेज कहते हैं। गर्भावस्‍था की अवधि के आधार पर स्टिल बर्थ को तीन तरह से विभाजित किया गया है : 20 से 27वें हफ्ते में : शीघ्र या जल्‍दी स्टिलबर्थ, 28 से 36वें हफ्ते में : लेट स्टिलबर्थ और 37वें हफ्ते के बाद : टर्म स्टिलबर्थ

स्टिलबर्थ के कारण

गर्भनाल से संबंधित समस्‍या के कारण स्टिलबर्थ हो सकता है। इन दोनों से शिशु को खून, ऑक्‍सीजन और पोषक तत्‍व मिलते हैं। इसलिए अगर इसमें कोई गड़बड़ आए तो शिशु का विकास प्रभावित होता है।

यदि प्रेगनेंट महिला को कोई बीमारी हो या किसी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो भी कभी-कभी पेट में बच्‍चा मर जाता है।

हाई ब्‍लड प्रेशर, प्रीक्‍लैंप्‍सिया (हाई बीपी और सूजन, अक्‍सर प्रेग्‍नेंसी के आखिरी महीनों में), डायबिटीज, लुपस, थायराइड, कुछ वायरल या बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन, अधिक उम्र में मां बनने पर इन स्थितियों के साथ-साथ स्टिल बर्थ का खतरा बढ़ जाता है।

Stillbirth and infant death rates are decreasing, but still vary widely across Europe

अच्छी देखभाल से हो सकती है मिल सकती है मदद

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर ने कहा, ‘‘प्रत्येक 16 सेकेंड में कहीं कोई मां ‘स्टिलबर्थ’ की पीड़ा झेलेगी।’’ उन्होंने कहा की बेहतर निगरानी, प्रसव पूर्व अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए पेशेवर चिकित्सक की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।

कोविड-19 से और ज्यादा बढ़ सकते हैं मामले

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि कोविड-19 महामारी से ये वैश्विक आंकडे बढ़ सकते हैं। इसमें कहा गया है संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सेवाएं 50 प्रतिशत तक घटी हैं और इसके परिणामस्वरूप अगले वर्ष 117 विकासशील देशों में 2,00,000 और ‘स्टिलबर्थ’ हो सकते हैं।

डब्लूएचओ ने कहा कि ‘स्टिलबर्थ’ के 40 प्रतिशत से अधिक मामले प्रसव के दौरान के हैं और अगर महिलाएं दक्ष स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से सुरक्षित प्रसव कराए तो ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।

उप-सहारा अफ्रीका और मध्य एशिया में ‘स्टिलबर्थ’ के करीब आधे मामले प्रसव के दौरान के हैं वहीं यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके छह प्रतिशत मामले हैं।

विकासित देशों में स्टिलबर्थ के मामले ज्यादा

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विकासित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में ‘स्टिलबर्थ’ के मामले ज्यादा होते हैं। उदाहरण के तौर पर कनाडा में इन्यूइट समुदाय की महिलाओं में पूरे देश के मुकाबले ‘स्टिलबर्थ’ के मामले तीन गुना ज्यादा होते हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

Web Title: report says, Two million stillbirths every year, what is stillbirth, causes and prevention tips in Hindi

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