कोरोना काल में फर्स्ट एड किट से खुद को रखें सुरक्षित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 7, 2022 07:16 PM2022-01-07T19:16:51+5:302022-01-07T19:17:09+5:30

Protect yourself with first aid kit during corona period | कोरोना काल में फर्स्ट एड किट से खुद को रखें सुरक्षित

कोरोना काल में फर्स्ट एड किट से खुद को रखें सुरक्षित

छोटी-छोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या आपात स्थिति के लिए लोग फर्स्ट एड किट जरूर रखते हैं। कोरोना महामारी के दौर में तो और भी जरूरी हो गया है, क्योंकि हर कोई अस्पताल जाने से बचना चाहता है। अगर सही समय पर रोगी को प्राथमिक चिकित्सा मिल जाए तो संबंधित व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है। 

वैसे तो आमतौर पर सभी गाड़ियों में फर्स्ट एड बॉक्स होता है। एंबुलेंस पहुंचने तक मरीज को कुछ आराम मिले, इसलिए प्राथमिक उपचार दिया जाता है। प्राथमिक चिकित्सा का मकसद कम संसाधनों से इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने तक कम से कम नुकसान हो। 

यह कभी-कभी जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है। कई बार हम फर्स्ट एड बॉक्स रख तो लेते हैं लेकिन उसे रेग्युलर चेक नहीं करते, जिससे ऐसी दवाइयां भी उसमें पड़ी रहती है जो एक्सपायर हो चुकी होती हैं या फिर हमारे किसी काम की नहीं होतीं। ऐसे में जरूरत पड़ने पर वह काम नहीं आतीं। 

गौरतलब है कि प्राथमिक चिकित्सा का कार्य सदियों से किया जा रहा है, परन्तु हमें इसकी शिक्षा नहीं दी गई है। ऐसे में फर्स्ट ऐड को शिक्षा की दृष्टि से हमारे एजुकेशन सिस्टम में लाना बेहद जरूरी है, और यह अनूठी पहल की है डॉ. शबाब आलम ने। सरकार की ओर से यह महसूस किया गया है कि अभी देश में स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत कमी है। 

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ संस्थानों को एक साथ जोड़कर राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाया गया है। जिसको हम भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद (FACI) कहते हैं। डॉ. शबाब आलम द्वारा निर्देशित भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद एक स्वायत निकाय है, जो फर्स्ट एड (First Aid) यानी शिक्षा, प्रशिक्षण, जागरुकता, सहायता और उससे संबंधित आवश्यक सूचनाओं को एकत्र कर जन-जन तक पहुंचाने का काम करती है। 

साथ ही देश में संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत बनाने का आह्वान करती है। आज के समय में फर्स्ट एड का इस्तेमाल और इसकी जानकारी बेहद जरूरी है। 

फर्स्ट एड काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. शबाब आलम का कहना है कि कोरोना के संकटकाल में स्वास्थ्य संस्थाओं/चिकित्सकों और कर्मचारियों के अलावा प्राथमिक चिकित्सा देने में प्रशिक्षित लोगों की मांग बढ़ी है। 

घायल या रोगी को प्राथमिक उपचार या सहायता देने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। युद्ध में घायल सैनिकों की सहायता और पानी में डूबने वालों को बचाने की मुहिम के रूप में इसकी शुरुआत हुई। इसका वृहद रूप तब देखने को मिला जब 1877 में सेंट जोन एम्बुलेंस एसोसिएशन की स्थापना की गई।

फर्स्ट एड (First Aid) यानी प्राथमिक चिकित्सा किसी भी इमरजेंसी जैसे दुर्घटना की स्थिति में समस्या की पहचान और सहायता प्रदान करने का पहला कदम है। फर्स्ट एड में सामान्य और जीवन को बचाने वाली तकनीक शामिल होती है। प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) को लोग कम से कम उपकरणों और बिना मेडिकल अनुभव के ही प्रदान कर सकते हैं। 

यह किसी मेडिकल उपचार (Medical Treatement) का हिस्सा नहीं है और न ही डॉक्टर की सलाह और ट्रीटमेंट की जगह ले सकता है। इसमें आपको जब तक पीड़ित व्यक्ति को मेडिकल हेल्प नहीं मिल जाती, तब तक सामान्य प्रक्रियाओं और कॉमन सेन्स का प्रयोग करके स्थिर रखना होता है, ताकि उसकी जान बच सके। दुर्घटना या इमर्जेंसी कहीं भी किसी भी वक्त हो सकती है। 

अगर हमें प्राथमिक उपचार यानी फर्स्ट एड के बारे में थोड़ी बहुत भी जानकारी हो तो हम घबराने के बजाय मरीज को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं। घर हो या ऑफिस यहां तक कि कार में भी हमें फर्स्ट एड बॉक्स रखना चाहिए।

दरअसल, संकट की हालत में एक प्राथमिक सहायक पीड़ित व्यक्ति के लिए किसी हीरो से कम नहीं होता क्योंकि उसे प्राथमिक सहायता की सभी तकनीकों और उनके सही इस्तेमाल की जानकारी होती है। इसके लिए प्राथमिक सहायक को मरीजों तक बिना समय गंवाए पहुंचने, स्थिति को समझने और हालात के हिसाब से आपात सहायता देने का प्रशिक्षण दिया जाता है। 

एक प्राथमिक सहायक बिना देरी किये मरीज को सुरक्षित ढंग से अस्पताल ले जा सकता है और उसका जीवन बचा सकता है। प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स एक अनोखा कोर्स है, जिसके माध्यम से पूरे देश में स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ साथ स्वरोजगार के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया गया है। इसका लाभ प्रदेश के छात्र-छात्राएं अध्यापन केंद्र के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। 

प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित, एक कुशल पेशेवर न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकता है। लेकिन यह सब कौशल युक्त प्रशिक्षण के बिना संभव नहीं है।

Web Title: Protect yourself with first aid kit during corona period

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