लाइव न्यूज़ :

AIIMS ने निकाला तोड़, गर्भवती महिलाएं होंगी एनीमिया मुक्त, गर्भावस्था के दौरान नहीं खानी पड़ेंगी आयरन की गोलियां

By एसके गुप्ता | Updated: March 1, 2020 09:06 IST

एक शोध के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर, बिहार के मधुबनी और मध्यप्रदेश के सीहोर की 61% गर्भवती महिलाओं में एनीमिया यानी खून की कमी पाई गई थी.

Open in App
ठळक मुद्देअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने गर्भवती महिलाओं में खून की कमी से होने वाले रोग एनीमिया का तोड़ निकाला है. एम्स ने केंद्र सरकार से अपील की है कि महाराष्ट्र के नागपुर, विदर्भ, उस्मानाबाद, वाशिम, गढ़चिरोली, नंदूरबार सहित देश के आकांक्षी जिलों-क्षेत्रों में इस शोध का लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाए.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने गर्भवती महिलाओं में खून की कमी से होने वाले रोग एनीमिया का तोड़ निकाला है. जिससे महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आयरन की गोलियां नहीं खानी पड़ेंगी. एम्स ने केंद्र सरकार से अपील की है कि महाराष्ट्र के नागपुर, विदर्भ, उस्मानाबाद, वाशिम, गढ़चिरोली, नंदूरबार सहित देश के आकांक्षी जिलों-क्षेत्रों में इस शोध का लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाए.

एम्स सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. पुनीत मिश्रा ने कहा कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में करीब 200 गर्भवती महिलाओं पर एम्स ने रिसर्च किया है. इन गर्भवती महिलाओं में खून की कमी, हीमोग्लोबिन कम होना जैसी समस्याएं थीं. जिन्हें तीन माह की गर्भवास्था के बाद फेरिक कार्बोक्सीमालटोस (एफसीएम) इंजेक्शन लगाया गया. जिसके बाद इन महिलाओं के स्वास्थ्य में जबरदस्त बदलाव देखने में आया है. न केवल गर्भवती महिलाएं बल्कि उनके शिशु के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है.

एम्स सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. शशिकांत ने इस संबंध में केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि इस इंजेक्शन का लाभ देश के आकांक्षी जिलों की गर्भवती महिलाओं को मिले. प्रो. पुनीत मिश्रा ने लोकमत समाचार से कहा कि ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में फेरिक कार्बोक्सीमालटोस इंजेक्शन का इस्तेमाल लोगों में खून की कमी दूर करने के लिए होता है. लेकिन विश्व में एम्स ने पहली बार गर्भवती महिलाओं पर इस इंजेक्शन का प्रयोग कर शोध किया है. जिसके नतीजे काफी साकारात्मक नजर आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह महाराष्ट्र सहित देश के आकांक्षी जिलों में गर्भवती महिलाओं के लिए यह इंजेक्शन फ्री में उपलब्ध कराए. यह इंजेक्शन गर्भावस्था में एक बार लगता है और इसे लगाने के बाद आयरन की गोलियां खाने से गर्भवती महिला को मुक्ति मिल जाती है.

नागपुर की 61% गर्भवती महिलाओं में एनीमिया

एक शोध के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर, बिहार के मधुबनी और मध्यप्रदेश के सीहोर की 61% गर्भवती महिलाओं में एनीमिया यानी खून की कमी पाई गई थी. मिश्रा ने कहा कि भारत में एनीमिया मुक्त अभियान पिछले 60 वर्षों से चल रहा है. लेकिन एम्स ने वर्ष-2018 में एनीमिया मुक्त अभियान की शुुरुआत की है. जिसके बाद केंद्र सरकार ने हर वर्ष 3% एनीमिया मुक्तिकरण का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में ताकत वाला चावल-फोर्टिफाइड राइस बांटने की योजना पर काम चल रहा है. सरकार अगर एफसीएम की सुविधा देश के अस्पतालों और मेटरनिटी सेंटर में मुफ्त उपलब्ध करा देगी तो इससे एनीमिया को नियंत्रित करने में बहुत हद तक सफलता मिलेगी.

टॅग्स :एम्समहाराजपुरलोकमत समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVijay Malhotra Passes Away: BJP के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा का निधन, AIIMS में थे भर्ती; पीएम मोदी समेत नेताओं ने जताया शोक

स्वास्थ्यधूम्रपान-तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो रहिए अलर्ट?, कैंसर मरीजों को जनना जरूरी, उम्र और सेहत पर असर

भारतखेल मैदान के बिना बीमार बचपन...!, वीडियो गेम से दिमाग तेज हो सकता है लेकिन...

भारतDelhi: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ AIIMS में भर्ती, सीने में दर्द के बाद गए अस्पताल; हालत स्थिर

भारतAIIMS के बाहर नरक..., राहुल गांधी ने केंद्र और दिल्ली सरकार को लताड़ा; अस्पताल के बाहर बैठे मरीजों से की मुलाकात

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत