सर्दियों के मौसम में कई फल-सब्जियां मिलती हैं जो सेहत के लिए जरूरी हैं। इन्हीं में से एक आलूबुखारा है। यह हल्के लाल रंग का फल स्वाद में खट्टा-मीठा होता है। इसमें शरीर के लिये सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
माना जाता है कि आलूबुखारा में मिनरल, विटामिन, डायट्री फाइबर, सार्बिटॉल, आईसेटिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी हैं। वजन कम करने वालों के लिए यह बेहतर विकल्प है क्योंकि 100 ग्राम आलूबुखारा में 45 कैलोरी होती है।
इसे ताजा या फिर सुखाकर भी खाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा कई सारी बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, हाई ब्लड़ प्रेशर, स्ट्रोक और आंखों से जुड़ी समस्याओं से बचाने में सहायक है और यह शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाता है। चलिए जानते हैं कि इसे खाने से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं।
कैंसर से बचाने में सहायककैंसर को रोकने के लिये आलूबुखारा बहुत फायदेमंद है। आलूबुखारा को छिलके के साथ खाना चाहिए। क्योंकि यह ट्यूमर की सेल्स को बढ़ने से रोकता है। साथ ही महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इसका सेवन करना चाहिए।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में सहायकसूखे प्लम बोरान का बेहतर स्त्रोत है जिससे हड्डियों के घनत्व में सुधार में मदद मिलती है। नेचुरल मेडिसीन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सूखे प्लम खाने से पुर बोन मिनरल डेनसिटी के रोगियों में बोन टर्नोवर मार्कर के सीरम का लेवल कम हो गया था।
आंखो की रोशनी बढ़ाने में मददगारआलूबुखारा आंखों की सेहत के लिये बहुत फायदेमंद है। इस फल में विटामिन सी और ई की मात्रा है। ये दोनो पोषक तत्व है आंखों की रोशनी के लिए जरूरी हैं।
कब्ज करता है दूरआलूबुखारा विटामिन और मिनरल्स का खजाना है। इसे खाने से मां और शिशु दोनो का विकास होता है। गर्भावस्था में महिलाओ को अक्सर कब्ज की समस्या होती है, इससे राहत पाने के लिए आलूबुखारा का सेवन करें। यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
वजन करता है कमयूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी हेल्थ एंड सोसायटी द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन में पाया कि वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों ने 12 हफ्ते तक रोजाना सूखे प्लम खाकर लगभग 2 किलो वजन कम कर लिया था। प्लम ऊर्जा का बेहतर स्त्रोत हैं। ये देरी से पचते हैं और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते। ये घुलनशील फाइबर का अच्छा स्त्रोत हैं, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।
हाइपरटेंशन का खतरा होता है कमइसमें मौजूद हाई पोटेशियम से ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में मदद मिलती है। सौ ग्राम सूखे प्लम में 745 मिलिग्राम पोटेशियम पाया जाता है। अहमद टी और उनके सहयोगियों ने अपने एक अध्ययन में पाया कि सूखे प्लम को भिगोकर उसकी केवल एक खुराक खाने वाले मरीजों को ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिली थी।
हेपेटाइटिस के इलाज में सहायकप्लम में हाई फाइबर होने की वजह से ये लीवर डिसऑर्डर के इलाज में भी सहायक हो सकता है। लीवर सेल्स डैमेज होने की वजह से लीवर एंजाइम का लेवल बढ़े लोगों पर एक अध्ययन किया गया। इन लोगों को तीन सूखे प्लम दिए, जिन्हें रातभर पानी में भिगोकर रखा गया था। आठ हफ्ते बाद ये परिणाम देखने को मिला कि इन लोगों को लीवर की बीमारियों में फायदा हो रहा था।