आजकल लोग गलत खानपान और जीवनशैली की वजह से किसी ना किसी स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं। पाइल्स या बवासीर भी इन्हीं में से एक है। ये बीमारी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा फिर से हो जाती है। ऐसे में बवासीर से ग्रस्त लोगों को अपने खान-पान पर बहुत अधिक ध्यान देना चाहिए।
बाहरी बवासीर में गुदा के आस पास मस्से हो जाते हैं, इन मस्सों में दर्द नही होता, लेकिन खुजली अधिक होती है। हम आपको बताएंगे बवासीर की अचूक दवा के बारे में जिसकी मदद से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को बिना ऑपरेशन जड़ से ठीक कर सकते हैं।
यह एक ऐसी असहनीय समस्या है जिसमें दर्द की वजह से आपको बैठने या फिर लेटने में भी परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में खानपान पर भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका बवासीर के दौरान सेवन नहीं करना चाहिए।
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए
- बवासीर की समस्या होने पर लाल या हरी मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए। मिर्च खाने से बवासीर के जख्म एक बार फिर सक्रिय हो जाते हैं। मिर्च के साथ ही गर्म मसाला, चटपटा, तीखा खाना भी नहीं खाना चाहिए।
- नशे या धूम्रपान का सेवन किसी भी बीमारी को बढ़ाने का काम करता है। वैसे ही सुपारी, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट पीने से भी बवासीर की समस्या बढ़ जाती है।
- बवासीर से पीड़ित लोग फास्ट फूड से जितना हो सके, दूरी बनाएं रखें। फास्ट फूड खाने के बजाए आप, फलों या कुछ खास सब्जियों जैसे- पत्तागोभी, चुकंदर, टमाटर आदि को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
- बवासीर होने पर बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। अस्वस्थ खाने से पाइल्स का संक्रमण बढ़ सकता है।
- बवासीर के रोगियों को मांस, मछली और अंडा खाने से परहेज करना चाहिए। असल में ये चीजें गर्म होती हैं और साथ ही इन्हें पचाने में थोड़ी मुश्किल भी होती है। इसलिए बेहतर है कि आप इन चीजों से दूर ही रहें।
- बवासीर के रोगियों के लिए इन चीजों का सेवन भी नुकसानदायक होता है। वैसे आमतौर पर ऐसी चीजें लोगों को बहुत पसंद आती हैं, लेकिन अगर आप बवासीर से परेशान हैं तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप इन चीजों से दूरी बनाए रखें।
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए
- केले में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कब्ज और बवासीर के लिए उपयोगी साबित होते हैं। इसके लिए एक पक्के के केले को बीच से काट लें और उसपर कत्था छिड़क लें,अब इसे रात भर खुले आसमान के नीचे छोड़ दें। अगली सुबह इस केले को खाली पेट खाएं। इसे खाने से आपको 5-7दिन राहत मिलेगी।
- इसके लिए दो लीटर छाछ में 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा व नमक मिला कर रख दें और जब भी प्यास लगे तो पानी की जगह इसे पी लें। एक हफ्ते तक इसका सेवन मस्सों को ठीक करने में सहायक होता है।
- आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को रामबाण औषधि माना गया है।यह कई रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।इसका इस्तमाल सदियों से आयुर्वेद में किया जा रहा है। इसके लिए आप रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।इससे बहुत जल्द बवासीर के दर्द व मस्सों में राहत मिलेगी।
- पपीता पपीते को एक लैक्सेटिव के रूप में जाना जाता है, जो मल त्याग में सुधार करने और कब्ज़ से राहत दिलाने में सहायक है। इसके पत्तों का रस पीने से भी पेट संबंधी परेशानियों से बचने में मदद मिलती है।
- जिमीकंद इसके लिए जिमीकंद को भूनकर पीसकर दही के साथ प्रतिदिन सेवन करने करना चाहिए। इससे बवासीर में खून का गिरना बंद हो जाता है। जिमीकंद के सेवन से पेट के कीड़े भी मरते हैं और कब्ज से राहत मिलती है।